2008-03-26 18:14:12

14 मार्च को ल्हासा में हुई हिंसक घटना दलाई गुट द्वारा धर्म की आड़ में देश के एकीकरण को नष्ट करने वाले अपराध का सबूत है

चीन के तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र के सदस्य, तिब्बत जाति के विद्वान श्री सोनाम दोची ने 26 मार्च को सी आर आई के संवाददाता के साथ इंटरव्यू में कहा कि हाल ही में ल्हासा व अन्य तिब्बत जाति बहुल क्षेत्रों में हुई हिंसक घटनाएं धार्मिक सवाल नहीं हैं, दलाई गुट द्वारा धर्म की आड़ में देश के एकीकरण को नष्ट करने वाले अपराध का सबूत हैं।

श्री सोनाम दोची की उम्र 62 साल है। तिब्बत के पुराने सामंती भूदास समाज का उन्हें खुद अनुभव है। उन्होंने कहा कि 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले दलाई गुट के शासन वाला तिब्बत सामंती भूदास समाज का था। तिब्बत की 95 प्रतिशत जनता दुखभरा जीवन बिताती थी। तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद सामंती भूदास समाज समाप्त हुआ है। 1959 में हुआ सशस्त्र उपद्रव और वर्तमान में ल्हासा व अन्य तिब्बत जाति बहुल क्षेत्रों में हुई हिंसक घटनाएं दलाई गुट द्वारा अपना हित व शासन बहाल करने के लिए संगठित व आयोजित हिंसक कार्यवाही है।

दलाई गुट द्वारा विदेशों में फैलाए गए इस कथन के बारे में कि तिब्बत जाति के लोगों के पास धार्मिक आजादी नहीं है श्री सोनाम दोची ने कहा कि चीन के संविधान के अनुसार चीन में धार्मिक विश्वास की आजादी की नीति अपनाई जाती है। यह नीति तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पूरी तरह अपनाई जा रही है। वर्तमान में तिब्बत में 1787 बड़े-छोटे मंदिर व धार्मिक स्थल हैं, जो लोगों की धार्मिक जरूरतें पूरी कर करते हैं।

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040