2008-03-26 14:05:06

तिब्बत की विभिन्न जातियों की मन की आवाजः  स्थिरता व सामंजस्य सुख है, विभाजन दंगा फसाद संकट है

दलाई लामा गुट द्वारा भड़कायी व रची हिंसक घटना के आगे तिब्बत की विभिन्न जातियों के लोगों ने दंगयों की हिंसक कार्रवाइयों की कड़ी निन्दा की और कहा कि स्थिरता व सामंजस्य सुख है, विभाजन व दंगा फसाद संकट है।
इधर के सालों में तिब्बत ने अर्थतंत्र में लगातार सात सालों तक 12 प्रतिशत दर पर वृद्धि बरकरार रखी है। किसानों, चरवाहों के उत्पादन व जीवन की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है, अनिवार्य शिक्षा , कृषि व पशुपालन क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था व न्यून्तम जीवन प्रतिभूति व्यवस्था पूरे प्रदेश में अमल में लायी जा रही है। तिब्बत सामाजिक विज्ञान अकादमी के जातीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रभारी पासांग वांगदू ने कहा कि ल्हासा की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी घटना तिब्बत के विकास व प्रगति के कदम को नहीं रोक सकती , वह केवल कहीं अधिक तिब्बत की विभिन्न जातियों की जनता के खुशहाल तिब्बत, शान्तिपूर्ण तिब्बत व सामंजस्यपूर्ण तिब्बत के निर्माण के संकल्प को और अधिक सुदृढ़ करेगी।
 
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