2008-03-26 10:44:22

चीनी पत्रकार संघ ने पश्चिमी मीडिया से ल्हासा की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी घटना को तोड़ मरोड़ कर पेश न करने की आशा की

इधर के दिनों में कुछ पश्चिमी मीडिया ने 14 मार्च को तिब्बत ल्हासा में भड़की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी घटना को अनेक बेहुदा तरीकों से तोड़ मरोड़ करके रिपोर्टें दी हैं। चीनी पत्रकार संघ के प्रभारी चाए हुए संग ने इस पर चर्चा करते हुए कहा कि आशा है कि पश्चिमी मीडिया तथ्यों का सम्मान कर आइंदा ऐसे ऊटपटांग बकवास नहीं करेगी।
 
  श्री चाए हुए संग ने कहा कि बहुत सी पश्चिम मीडियाओं द्वारा प्रस्तुत ल्हासा की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी घटना की रिपोर्टों ने पत्रकारिता के सबसे बुनियादी व वस्तुगत तथ्य का सम्मान करने व निष्पक्षता के सिद्धातों का उल्लंघन किया है। उन के द्वारा छापी कुछ तस्वीरों को मनमानी ढंग से झूठा व्याख्या दिया गया है । जैसा कि कुछ पश्चिम मीडियाओं ने तिब्बती सार्वजनिक सुरक्षा पुलिस द्वारा हमले के शिकार लोगों को बचाने की तस्वीरों को तिब्बत में लोगों की गिरफतारी करार किया है तो कुछ मीडियाओं की रिपोर्टों में यह दावा किया कि चीनी सेना ने प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती ट्रक में घसीट कर लादे, जबकि इन तस्वीरों में साफ साफ तौर से देखा जा सकता है कि तस्वीरों में जो पुलिस दिखाई देते हैं , वे भारतीय पुलिस हैं। और तो और, पश्चिम की मुख्य मीडिया संस्थाओं ने यद्यपि चीन सरकार के रूख की रिपोर्टे भी दी हैं, लेकिन उनमें ज्यादातर  दलाई लामा गुट के कथनों का इस्तेमाल कर दलाई गुट की आवाजों को प्रतिबिंबित किया है।
श्री चाए ने कहा कि यदि पत्रकारिता का तथ्य पालन सिद्धांत खो गया , तो उस से मीडिया की ईमानदारी व न्यायप्रियकता को भारी नुकसान पहुंचता है । (चिनफंग)     
 
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