समीक्षा में कहा गया है कि वर्तमान में चीन की विभिन्न जातियों के लोग पेइचिंग ऑलिपंयाड का तैयारी-कार्य सक्रिय रूप से कर रहे हैं। लेकिन दलाई गुट ने पेइचिंग ऑलिपंयाड को तिब्बत स्वतंत्रता का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए एक अच्छा मौका समझा । पिछले साल दलाई लामा ने कई बार कहा था कि वर्ष 2008 कुंजीभूत साल है, ऑलिपंयाड तिब्बती लोगों का अंतिम मौका होगा। पिछली जनवरी को उसने संवाददाता के साथ इंटरव्यू में अपने समर्थकों से पेइचिंग ऑलिपंयाड के दौरान प्रदर्शन करने की मांग की और इससे तिब्बत स्वतंत्रता का ढिंढोरा पीटा।
दलाई गुट में सबसे बड़ा संगठन यानि तिब्बती युवा संघ आतंकवादी उपायों से तिब्बत स्वतंत्रता की कार्यवाही करने का पक्षधर भी है ।
शिंगह्वा की समीक्षा में कहा गया है कि यह सर्वविदित है कि दुनिया में कोई भी देश यह नहीं मानता है कि तिब्बत कभी स्वतंत्र देश था और कोई भी देश दलाई गुट की कथित निर्वासित सरकार को स्वीकार नही करता है।
शिंगह्वा की समीक्षा में कहा गया है कि पेइचिंग में ऑलंपियाड आयोजित होना विश्व जनता द्वारा दिया गया एक पवित्र अधिकार है। पेइचिंग ऑलिपंयाड का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने और तिब्बत सवाल को पेइचिंग ऑलिपंयाड से मिलाकर पृथकतावादी कार्यवाही को अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव दिलाने की दलाई गुट की कुचेष्टा विफल हो जाएगी।
(वनिता)
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