2008-03-25 12:58:25

चीनी मीडिया-जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि ल्हासा की हिंसक घटना को लेकर कुछेक पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है

चीनी मीडिया-जगत के विशेषज्ञों ने हाल में कहा कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में 14 मार्च को हुई हिंसक घटना को लेकर कुछेक पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है ।
चीनी जन-विश्वविद्यालय के प्रेस कॉलेज के प्रोफैसर श्री कू छांगलिंग ने कहा कि कुछेक पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने ल्हासा में हुई हिंसक घटना की रिपोर्टिंग करते वक्त अपनी नीयत के अनुसार फोटो का कतरण कर प्रकाशित किए, जिस से पाठकों तक गलत सूचनाएं पहुंची । साथ ही उन्होंने मनमाने ढंग से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया । श्री कु का विचार है कि पश्चिमी मीडिया संस्थाओं ने कुछ राजनीतिक शक्तियों की कुचेष्टा को पूरा करने के लिए ऐसी हरकत की ।
चीनी सामाजिक-विज्ञान अकादमी के समाचार व प्रसारण अनुसंधान केंद्र के प्रधान श्री यी युनकोंग ने कहा कि चीन सरकार ने ल्हासा की घटना के तुरंत बाद तथ्यों को सार्वजनिक किया, चीनी नेतागण ने महत्वपूर्ण मौकों पर खुले तौर पर दलाई गुट का खंडन किया, जिसे   अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी प्राप्त हुआ ।
उन्होंने कहा कि तिब्बती जनता शांति व स्थिरता चाहती है । आशा है कि तथ्यों को न जानने वाली पश्चिमी मीडिया संस्थाएं वास्तविक स्थिति का पता लगाएंगी और अनाप शनाप बातें कहना बंद करेंगी ।(श्याओ थांग)
 
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