2008-03-24 19:11:12

पेइचिंग ओलिंपिक मशाल की अग्नि प्रज्वलित करने की रस्म हुई

24 मार्च को 2008 पेइचिंग ओलिंपिक मशाल की पवित्र अग्नि प्रज्वलित करने की रस्म यूनान के ओलिंपिया में आयोजित हुई , इस तरह पेइचिंग ओलिंपिक मशाल रिले का श्रीगणेश हो गया ।

ग्रीस के स्थानीय समय के अनुसार 24 मार्च की सुबह 11 बज कर 30 मिनट पर ढोल की भव्य धुन में पेइचिंग ओलिंपिक मशाल के लिए अग्नि जलाने की रस्म प्राचीन ओलिंपिया खंडहर हेरा मंदिर के सामने शुरू हुई है । सफेद प्राचीन यूनानी लम्बी स्कर्ट में बीस महिला पुजारी दो पंक्तियों में बंट कर ढोल के ताल पर हेरा मंदिर के खंभों के बीच धीरे धीरे प्रार्थना मंच के पास आईं और वहां एक गोल लाइन में खड़ी हो गयीं । उपरांत ग्रीस की सर्वोच्च महिला पुजारी सुश्री मारिया . नाफ्पलिओटो दोनों हाथों में अग्नि कुंड थामे हेरा मंदिर के अन्दर से निकल कर प्रार्थना मंच के केन्द्र पर जा पहुंची और उन्हों ने बुलंद आवाज में सुर्य देवता अपोलो के गुणगान में श्लोगन पढ़ कर सुनाया ।

श्लोगन के बाद सर्वोच्च पुजारी सुश्री मारिया नाफ्पलिओटो ने हाथ में एक मशाल पकड़े मंच के सामने रखी गई आइने के फोक्सिंग बिन्दु पर लगा कर अग्नि को प्रज्वलित कर दिया । यह इस का प्रतीक है कि पेइचिंग ओलिंपिक मशाल की पवित्र अग्नि जलाने का काम सफल हो गया है । इस के बाद के 130 दिनों में पेइचिंग ओलिंपिक मशाल विश्व के विभिन्न देशों और इलाकों के बीस हजार मशाल धारकों के हाथों से पांच महाद्वीपों में रिले किया जाएगा और पूरी दुनिया को शांति , मित्रता और उत्साह का संदेश पहुंचाया जाएगा । 8 अगस्त की रात को मशाल पेइचिंग ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह के स्थल में पहुंचेगा और वहां मुख्य ओलिंपिक मशाल प्रज्वलित किया जाएगा ।

24 मार्च को पेइचिंग ओलिंपिक मशाल की अग्नि जलाने की रस्म में यूनानी ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष श्री मिनोस. काईरियाको ने सर्वप्रथम भाषण दियाः

मैं कामना करता हूं कि 2008 पेइचिंग ओलिंपिक मशाल की अग्नि सारी दुनिया में बड़ी हद तक ओलिंपिक भावना और खेल व्यायाम की मूल्य धारणा प्रसारित करेगी और खेलों से प्रेम की भावना से खिलाड़ियों को एकत्र करेगी और उत्तम आदर्श से पेइचिंग ओलिंपिक को आलोकित करेगी । मैं चीनी मित्रों को 29 वें ओलिंपिक खेलों की पूर्ण सफलता की शुभकामना दूंगा ।

ओलिंपिक मशाल अग्नि विभिन्न देशों , भिन्न भिन्न भाषाओं , भिन्न भिन्न विश्वासों तथा भिन्न भिन्न जातियों के लोगों के दिल में खेल प्रदर्शन और विश्व शांति व प्यार के लिए गहरी अभिलाषा का द्योतक है । अन्तरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष श्री जाकेस .रोगे ने रस्म में कहाः

इस मौके पर मैं तहे दिल से आशा करता हूं कि हरेक लोग मशाल अग्नि का निहित महत्व समझेगा , चाहे मशाल कहीं भी पहुंचे , वह लोगों को मैत्री और शांति का संदेश पहुंचा देगा और लोगों को भविष्य के प्रति अभिलाषा हेतु प्रेरित करेगा । ओलिंपियाड और ओलिंपिक मशाल रिले शांतिपूर्ण वातावरण में होना चाहिए । ओलिंपिक मशाल सभी खिलाड़ियों और सारी विश्व जनता को एक सूत्र में बांधेगा और हम सभी लोगों , जिन्हें ओलिंपिकवाद और खेल भावना पर विश्वास है , को एक सूत्र में बांध लेगा । मशाल सभी लोगों को एकजुट करेगा , वह मेलमिलाप का प्रतीक है।

2008 पेइचिंग ओलिंपिक के मेजबान नगर के प्रतिनिधि के रूप में पेइचिंग ओलिंपिक आयोजन कमेटी के अध्यक्ष श्री ल्यू ची ने रस्म में भाषण दिया और ग्रीस जनता और सरकार द्वारा पेइचिंग ओलिंपिक को दिए गए समर्थन और सहायता पर आभार प्रकट किया । उन्हों ने कहाः

हम ग्रीस जनता और सरकार द्वारा पेइचिंग ओलिंपिक को प्रदत्त समर्थन व सहायता पर उन्हें धन्यावाद देते हैं । हम ओलिंपिक मशाल अग्नि के मार्गदर्शन में चीन , ग्रीस और विश्व के अन्य देशों के समान प्रयासों से एक विशेषता व उच्च स्तर वाले ओलिंपिक का आयोजन करेंगे । हम हार्दिक कामना करते हैं कि ओलिंपिक मशाल अग्नि सुर्य की किरणों के साथ चिरस्थाई रहेगी और सदा मानव जाति के शांति , मित्रता व प्रगति के रास्ते को रौशन करेगी ।

ओलिंपिक मशाल अग्नि प्रज्वलित होने के बाद हाथ में ऑलिव शाखा उठाए एक बालक के मार्गदर्शन में सभी पुजारियों के संरक्षण में मशाल अग्नि हेरा मंदिर से रवाना की गयी और निकटस्थ प्राचीन ओलिंपिक स्टेडियम के पास स्थित पहाड़ी ढलान पर पहुंचायी गयी । ढोल की धुन फिर बज गयी , 6 तड़गे पुरूष पुजारियों ने हरे भरे ढलान पर आ कर नाचना शुरू किया और ओलिंपिक खेलों की आकृति बना कर प्रदर्शित की । इस के बाद महिला पुजारी सुश्री मारिया नाफ्पलिओटो पुनः प्रकट हुई , वे हाथों में अग्नि कुंड थामे पुजारियों की पंक्ति से गुजर कर धीरे धीरे पहाड़ी ढलान से नीचे उतरी और एक घुटने के बल पर जमीन पर बैठे मशाल के प्रथम धारक, ग्रीस के सुप्रसिद्ध खिलाड़ी श्री एलेक्जेंदर . निक्लाडाएस के सामने पधारी और मशाल की अग्नि से निक्लाडाएस के हाथों में थामे पेइचिंग ओलिंपिक मशाल को जलाया , फिर सुश्री नाफ्पलिओटो ने प्राचीन यूनानी भाषा में मशाल धारक को यह संदेश सुनायाः सारी दुनिया के लोगों को बताने जाए , ओलिंपिक आ रहा है ।