2008-03-24 18:04:10

ल्हासा शहर में विभिन्न जाति के लोगों ने अपनी जान से जातीय एकता की रक्षा की है

14 मार्च को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में जब ईने-गिने अपराधिक तत्व तोड़-फोड़ , लूटमार और आगजनी कर रहे थे , तब विभिन्न जाति के लोगों ने अपनी सुरक्षा को अलग रख कर दूसरी जाति के भाई बहनों को बचाने में मदद दी । उन्हों ने अपनी जान से जातीय एकता की रक्षा की है ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के जन-अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर लोट्स ने हिंसा के दौरान अपने शरीर से घायलों को आड़ दे कर बचाया । लेकिन दंगइयों ने पत्थरों से उन पर हमला किय़ा और उन के दिमाग पर गहरी चोट पहुंची है । जब अपराधी दुकानों में तोड़-फोड़ लूटमार कर रहे थे, तब तिब्बती जाति के लोगों ने दूसरी जाति के भाई-बहनों को अपने घर में आश्रय दिया ।

हिंसक घटना ने ल्हासा के विभिन्न जाति के लोगों के दिल में क्रोध की आग भी भड़कायी । नागरिकों ने कहा कि विभिन्न जाति के लोग दीर्घकाल से स्नेहपूर्वक रह रहे हैं , पर इने-गिने अपराधियों ने तोड़-फोड़ , लूटमार और आगजनी की है , उन पर विभिन्न जाति के लोग मिल कर थूक देंगे ।

हिंसक घटना से ल्हासा की विभिन्न जातियों को एकता का महत्व ज्यादा महसूस हुआ है । तिब्बत के सामाजिक विज्ञान अकादमी के धार्मिक अनुसंधान शाला के प्रधान श्री ट्सेरिंग ग्याल पो ने कहा कि हमें अपनी आंखों की तरह जातीय एकता की रक्षा करनी चाहिये ।

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