चीन में कुल 56 जातियां हैं । हान जाति से कम जन संख्या वाले अन्य 55 जातियों को अल्पसंख्यक जाति कही जाती है । चीन में अल्पसंख्यक जातियों की परम्परागत संस्कृति का सम्मान व संरक्षण किया जाता है । विभिन्न जातियां स्वतंत्र रूप से अपनी जातीय विशेषता वाली संस्कृति का संरक्षण व विकास कर सकती हैं । 55 अल्पसंख्यक जातियों में ह्वेई जाति और मान जाति के अलावा अन्य 53 जातियों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं । कम जन संख्या होने के बावजूद भी चीनी अल्पसंख्यक जातियां को अपनी भाषा का प्रयोग व विकास करने की स्वतंत्रता करने के साथ उसका अधिकार भी प्राप्त हैं । आज के इस लेख में हम चीन की तिब्बती जाति भाषा के विकास व संरक्षण की स्थिति पर चर्चा करेगें ।
तिब्बती संस्कृति हमारे देश की विशेष अल्पसंख्यक जातीय संस्कृतियों में से एक है, इस का संरक्षण चीनी अल्पसंख्यक जातीय संस्कृतियों के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण भाग है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शीर्ष नेता श्री चांग छिंग ली ने कहा:
"तिब्बत हमारे महान मातृभूमि चीन के एक महत्वपूर्ण अंग होने के नाते, तिब्बत का विकास देश से जुड़ा हुआ है । चीन हमेशा अल्पसंख्यक जातीय कार्य को महत्व देता है, जिन में अल्पसंख्यक जातीय संस्कृति का संरक्षण, भाषा का संरक्षण और अक्षरों का संरक्षण शामिल हैं । इस तरह तिब्बती भाषा के संरक्षण को भी भारी महत्व दिया जाता है । वर्तमान में तिब्बत के प्राइमरी स्कूलों से ही तिब्बती भाषा को एक अनिवार्य पाठ की हैसियत से पढ़ाया जाता है और कुछ समय के विद्यार्थियों को चीनी हान भाषा भी सिखाया जाता हैं । इस तरह तिब्बती विद्यार्थियां दो भाषाए सीख सकते है ।"
तिब्बती स्कूली विद्यार्थियों को तिब्बती भाषा और चीनी हान भाषा सीखाने की चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के मेयर श्री तोचीत्सेचो का कहना है:
"तिब्बत की जातीय परम्परागत संस्कृति न सिर्फ़ तिब्बत की है, बल्कि सारे चीन, सारी दुनिया यहां तक कि सारी मानव जाति की है । इस तरह मुझे लगता है कि तिब्बती जाति की परम्परगात संस्कृति का संरक्षण करना भारी महत्व रखता है । अब सभी स्कूलों में तिब्बती भाषा की कक्षाए खोली जा चुकी हैं । तिब्बती भाषा और चीनी हान भाषा का साथ-साथ अध्ययन किया जाता हैं ।"
श्री तोचीत्सेचो ने जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल में तिब्बती भाषा की कक्षाए खोलने का मकसद
तिब्बत की परम्परागत संस्कृति का और अच्छी तरह संरक्षण व विकास करना है । चीनी हान भाषा के सीखने का उद्देश्य तिब्बती विद्यार्थियों को देश की प्रचलित भाषा का ज्ञान हासिल करने में मदद देना है , जिस के जरिए तिब्बती लोग आसानी से देश के दूसरे स्थलों के लोगों के साथ बेरोकटोक रूप से विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं ।
तो वर्तमान में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तिब्बती भाषा और चीनी हान भाषा के सीखने
की स्थिति कैसी है । अब हम इस की जानकारी ले लें ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफैक्चर केनाइतुंग कांउटी के एक मिडिल स्कूल में विद्यार्थी लगन से तिब्बती भाषा कक्षा ले रहें हैं । तिब्बती भाषा के अलावा, स्कूल में विद्यार्थी चीनी हान भाषा, गणित और रसायनविज्ञान आदि विषयों का अध्ययन करते है । तिब्बती विद्यार्थी फिंगत्सो वांगत्वे ने कहा कि उसे तिब्बती भाषा पाठयक्रम बहुत पसंद है । उस के विचार में तिब्बती जाति का इतिहास बहुत पुराना है । तिब्बती भाषा को अच्छी तरह पढ़ने से अपनी जाति की परम्परागत संस्कृति का विकास किया जा सकता है । तिब्बती विद्यार्थी फिंगत्व वांगत्वे ने कहा:
"तिब्बती भाषा हमारी मातृभाषा है। तिब्बती भाषा की कक्षा में हम तिब्बती जाति के इतिहास व तिब्बती कविताए सीखने के साथ तिब्बती भाषा में अनुवाद किए गए विदेशी कथाएं भी पढ़ते हैं , जो मुझे बहुत पसंद हैं। ज्यूनीयर स्कूल से पास होने के बाद मैं सीनीयर मीडिल स्कूल में दाखिला लेना चाहता हूँ । मेरी आशा है कि भविष्य में एक अध्यापक बनूं और तिब्बती संस्कृति का प्रसार करूं।"
फिंगत्वो वांगत्वे की तरह तिब्बती भाषा सीखना पसंद करने वाले तिब्बती विद्यार्थियों की संख्या अनगिनत है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफैक्चर के शिकाज़े मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली तिब्बती लड़की त्सेरन लाचेन को भी तिब्बती भाषा पाठयक्रम बहुत पसंद है । उस ने कहा:
"मुझे तिब्बती भाषा कक्षा सब से पसंद है, और मैं कक्षा में अध्यापकों
द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना भी पसंद करती हूँ । यह मेरी एक विशेष रूचि है । मेरा विचार में मैं अपनी तिब्बती जाति की परम्परागत संस्कृति के संरक्षण के लिए तिब्बती भाषा सीख रही हूँ । स्कूल के बाद घर वापस लौटने के बाद मैं तिब्बती भाषा से माता पिता के साथ बातचीत करती हूँ ।"
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े। (श्याओ थांग)