विश्वविख्यात चीनी भाषी न्यूजे वेबसाइट यानी डोवे न्यूज में हाल ही में छपे लम्बे लेख में कुछ पश्चिमी मीडिया संस्थाओं द्वारा प्रकाशित ऐसे पश्चिमी पर्यटकों , जो अभी अभी ल्हासा छोड़ कर लौटे हैं , का ल्हासा में आंखों देखा हाल का परिचय किया गया है , जो निम्नलिखित हैः
डोवी न्यूज वेबसाइट की 19 मार्च 2008 की रिपोर्ट में 18 मार्च को ब्रिटेन , ओस्ट्रेलिया और कनाडा आदि पश्चिमी मीडिया में प्रकाशित तिब्बत से अभी अभी वापस आए पश्चिमी पर्यटकों का तिब्बत में आंखों देखा हाल संबंधी रिपोर्टों का संकलन किया गया।
ब्रिटिश अखबार डेली टेलीग्राफ ने 18 मार्च की रात को ल्हासा की यात्रा पर गए पर्यटकों की जुबान में तिब्बतियों द्वारा हान लोगों पर हमला शीर्षक आलेख में पश्चिमी पर्यटकों की नजर में ल्हासा में हुए दंगे का परिचय किया ।
आलेख में कहा गया है कि ये पश्चिमी पर्यटक ल्हासा से भाग निकल कर नेपाल की राजधानी काठमूंडो पहुंचे हैं । पर्यटकों ने कहा कि उन्हों ने खुद आंखों से पिछले शनिवार यानी 14 मार्च को क्रुद्ध तिब्बती लामाओं द्वारा हान लोगों पर हमला किए जाने की घटना देखी ।
स्वीट्जरलैंड के 25 वर्षीय पर्यटक क्लोड बाल्सिगर ने कहा कि उन्हों ने ल्हासा के जुग्ड़ा खांग मठ के निकट बार्कोर चौक पर हुए हिंसक घटना देखी । नौजवान लोग हिंसा में भाग ले रहे थे और बूढे लोगों ने तेज आवाज में उन का समर्थन किया । उन की आवाज भेड़िया की भांति तीखी थी , इन तिब्बती वृद्धों ने इस प्रकार से उन तिब्बती युवाओं का साथ दिया।
श्री बाल्सिगर ने याद करते हुए कहा कि मैं ने देखा कि हान लोगों पर हमला किया जा रहा है , मेरी नजर के सामने कम से कम सात आठ हान लोग पत्थराव और मुक्के के निशाने बने । श्री बाल्सिगर ने यह भी देखा था कि कुछ तिब्बती वृद्धों ने तिब्बती भिक्षुओं के हमले से एक बूढा हान व्यक्ति को बचाया । बताया गया है कि एक कनाडा के पर्यटक के हस्तक्षेप पर एक दूसरा हान लोग को भी जान से मारने से बचाया गया।
डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा के 19 वर्षीय पर्यटक श्री जोहन.केंवूड ने देखा था कि एक हान लोग तिब्बतियों के हमले से मर गया । श्री केन्वूड ने कहा कि उन लोगों ने मोटर साइकिल के एक चालक को भी मार गिराया , एक आदमी के सिर पर सड़क पर पड़े एक बड़े पत्थर को उठा कर दे मारा गया , इन हमलावरों के चले जाने के बाद वह आदमी भी फिर उठ नहीं पाया ।
श्री केन्वूड ने कहा कि अनेक बड़े बड़े डिब्बों में पत्थर भरे हुए थे , जिसे उठा कर तिब्बतियों ने हान लोगों पर फेंका । श्री केन्वूड को विश्वास है कि ये हिंसा कार्यवाहियां योजनाबद्ध रूप से हुईं ।
श्री केन्वूड ने याद करते हुए कहा कि उसी दिन हिंसा के बाद ल्हासा की कुछ इमारतों में से जबरदस्त आग और घनी धुंएं उठीं । मैं ने पहले कभी नहीं देखा था कि भिक्षुओं ने भी इस संगीन हिंसा में हाथ बंटाया।
ओस्ट्रेलियाई न्यूज वेबसाइट ने 19 मार्च को अपने एक लम्बे लेख में कहा कि अभी अभी हिमालय क्षेत्र को छोड़ कर लौटे पश्चिमी पर्यटकों के कहने के अनुसार ल्हासा में दंगा फसाद मचने के दिन , क्रोधित हुए तिब्बती युवाओं ने हान लोगों पर पत्थराव किया , उन की मारपीट की और उन की दुकानों में आग लगायी ।
लेख में कहा गया है कि 18 मार्च को काठमांडू पहुंचे कनाडा के पर्यटक केन्वूड और अन्य पश्चिमी पर्यटकों ने खुद आंखों से शनिवार को ल्हासा में हुई हिंसा देखी थी । श्री केन्वूड ने कहा कि यह तिब्बतियों द्वारा हान और मुसलमान लोगों के खिलाफ क्रोध का विस्फोट है, जिस ने पूरे ल्हासा शहर को अपनी लपेट में ले लिया ।
पश्चिमी पर्यटकों के अनुसार गुंडों ने बेमर्म रूप से हान लोगों की मारपीट की । तिब्बतियों ने आरोप लगाया कि तिब्बत में आए हान लोग वहां की विशेष संस्कृति और जीवन शैली बदलने जा रहे हैं । श्री केन्वूड ने कहा कि उन्हों ने आंखों से देखा कि कुछ तिब्बतियों ने मोटर साइकिल पर सवार एक हान व्यक्ति को पत्थर और मुक्के से बेरहम से मारा और उसे जमीन पर मार गिराया और पत्थर को उस के सिर पर तब तक दे मारता रहा , जब तक वह बेहोश न हुआ ।
श्री केन्वूड का कहना है कि शायद वह युवा हान लोग जान से मारा गया होगा । श्री केन्वूड ने कहा कि लेकिन यह निश्चय है कि ल्हासा में उन्हें यह देखने को नहीं मिला है कि कोई तिब्बती मारा गया ।
श्री केन्वूड ने कहा कि तिब्बती जहां से गुजर रहे थे , वहां वे सामने वाली सभी चीजों पर पत्थराव करते । उन्हों ने एक साइकिल चला रहे हान बूढे पर प्रहार किया और पत्थर से उसे मारा , लेकिन कुछ वृद्ध तिब्बतियों ने आगे बढ़ कर इस हिंसे को रोक दिया ।
कनाडा के मंथलिर से आए पर्यटक श्री सेर्ग .लचेपाले ने याद करते हुए कहा कि ल्हासा में दुकानें आग से जलाई गयी थीं , सड़कों पर सभी दुकानों में आग लगायी गयी और बहुत सी इमारतें तबाह की गयीं ।
श्री केन्वूड ने कहा कि ल्हासा में मुस्लिम आबादी इलाके को भी बर्बादी पहुंचायी गयी और वहां की सभी दुकानें नष्ट की गयीं । 17 मार्च को जब मैं होटल से निकल कर खाने गया , तो देखा कि तिब्बतियों के मुख पर मुस्कान गायब हो गयी है ।
कनाडा के टोरंटो स्टार अखबार ने लम्बा लेख प्रकाशित कर कनाडा के पर्यटकों की जुबान से ल्हासा की हिंसा घटने पर रिपोर्ट दी , जिस में कहा गया है कि 19 वर्षीय केन्वूड विटोरिया शहर से आए हैं , उन्हों ने अपनी आंखों से तिब्बतियों द्वारा हान लोगों की मारपीट की जाने की घटनाएं देखीं , जिन में ऐसी वार्दात शामिल है कि मोटर साइकिल पर सवार एक युवा को जान से मारा गया ।
विन्कोवर से आए 40 वर्षीय श्री एलेक्स सिनक्लेर ने कहा कि दंगा होने के दिन वे एक डाक आफिस में सीढ़ियों के नीचे छिपे थे , चारों ओर गोली और विस्फोट की आवाज सुनाई दे रही थी । यह उन के लिए असह्य दर्दनाक घड़ी थी , मुझे अपनी जान पर बड़ी चिंता हुई ।
अन्टाले प्रांत से आए 59 वर्षीय सुसन वेटमॉरे ने कहा कि मैं कहता हूं कि हमें वहां जिस हाल का सामना करना पड़ा , वह बहुत कुत्सित है और बेहद कुत्सित है---।
कनाडा के पर्यटक श्री केन्वूड ने ल्हासा से चले जाने से पहले ही टोरंटो स्टार के साथ फोन पर इंटरव्यू दिया , उन्हों ने कहा कि ल्हासा की मुख्य सड़क –पेइचिंग सड़क पर कुड़े कचरे ढेरों में लगे हैं और कुछ बर्बाद हुईं गाड़ियां भी वहां छोड़ी गयीं । यहां एक भूत प्रेत का नगर बन गया था , बहुत सी दुकानें जलायी गयीं । मुझे विश्वास है कि अनेक लोग आग में मारे गए होंगे । श्री केन्वूड ने याद की कि दंगा होने के दिन वे जुग्ड़ा खांग मठ के पास थे , उन्हों ने देखा कि सभी चीनी हान अक्षर अंकित वाली चीजें हमले के निशाने बनीं , उन्हें या तो जलाया गया या तोड़ कर बर्बाद किया गया या लूट मारा गया । श्री केन्वूड ने कहा कि उन्हों ने वहां देखा कि मोटर साइकिल पर सवार एक युवा हान लोग को 15 तिब्बतियों द्वारा रोका गया , युवा को पता नहीं चला होगा कि आखिरकार क्या हुआ , उस ने दो हाथ ऊपर उठाए और नहीं जानता कि उसे क्या करना चाहिए । गुंडों ने दो मीटर लम्बे धातु डंडे से उसे मारना शुरू किया और उसे मार कर जमीन पर गिराया और उस के सिर को भी पीटाया गया । उस का मुख खून से सना हुआ और लहऊलुहान हो गया ।
ब्रिटिश व्यक्ति एलेक्स सिनक्लैर एक विश्वविद्यालय प्राध्यापक हैं । ल्हासा में उपद्रव मचने से एक दिन पहले वे तिब्बत में टेक्सी से सानये मठ देखने जा रहे थे । रास्ते में पुलिसकर्मी ने गाड़ी की जांच की । लेकिन पुलिस ने मेरा पास पोस्ट नहीं देखा , उन्हों ने केवल भिक्षुओं की जांच की । इस की याद करते हुए अब ऐसा महसूस हुआ है कि चीनी प्रशासन को शंका हुई थी कि यहां उपद्रव उत्पन्न होने की संभावना है ।
टोरंटो स्टार ने अंत में कहा कि इन विदेशी यात्रियों को ल्हासा में आतंक और भयता का सामना करना पड़ा था । लेकिन उन सभी ने कहा कि तिब्बत में चीनी प्रशासन और तिब्बतियों ने उन का बहुत अच्छा स्वागत सत्कार किया था ।
श्री सुसान वेटमोर ने कहा कि हम ने कुछ अचंभा डालने वाली घटनाएं देख ली थीं , लेकिन हमारा बराबार अत्यन्त अच्छा सत्कार किया जा रहा था और हमारा बहुत अच्छा ख्याल किया गया था ।
ब्रिटिश अखबार टाइम्स ने 19 मार्च को भी ल्हासा में विदेशी यात्रियों का आंखों देखा उपद्रव का हाल प्रकाशित किया ।
हिंसा के घटना स्थल पर पूरी घटना की प्रक्रिया देख चुके इन विदेशी पर्यटकों ने पिछले हफ्ते में ल्हासा में हुए दंगे पर गहरा आश्चर्य प्रकट किया और बहुत डर लगी । खास कर जब उन्हों ने देखा कि हुंकार मारते हुए तिब्बती गुंडों ने पत्थर फेंक कर राह चलते हान लोगों को दे मारा । इन प्रत्यक्षदर्शी विदेशी लोगों ने कहा कि लोगों की भीड़ ने हान लोगों और उन के मिलते जुलते लोगों और उन की चीजों पर हमला बोला और मोटर साइकिल चलाने वाले लोगों पर डंडा मारा और उन के वाहनों को आग लगा कर जलाया ।
टाइम्स की समीक्षा में कहा गया है कि इन पश्चिमी पर्यटकों ने इस क्रूरतापूर्ण उपद्रव का वर्णन किया है , उपद्रव ने न केवल चीन सरकार द्वारा कथित तिब्बत को लाई गयी शांति और समृद्धि को क्षति पहुंचायी , साथ ही दलाई लामा के अहिंसा के विचार को भंग किया ।
कनाडा के 19 वर्षीय छात्र श्री केन्वूड ने कहा कि मैं नहीं कह सकता हूं कि किस पक्ष में खड़े रहना ठीक है । लेकिन पिछले दस दिनों में ल्हासा में यात्रा कर रहे केन्वूड ने कहा कि मैं तिब्बतियों की अपनी संस्कृति होने का समर्थन करता हूं , किन्तु मैं उन के द्वारा किए गए इन सब कुछ का पक्ष नहीं लेता हूं ।