2008-03-23 18:34:42

इंटरनेट के इस्तेमाल वालों ने तिब्बत की तोड़-फोड़, लूटमार व आगजनी की घटना को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर सी. एन. एन आदि विदेशी मीडिया की निंदा की

इधर के दिनों में हजारों इंटरनेट के इस्तेमाल वालों ने चीन के जुंग ह्वा वेबसाईट के सैन्य मंच द्वारा प्रस्तुत सी. एन. एन की निंदा करने वाली हस्ताक्षर कार्यवारी का समर्थन किया। उन्होंने तिब्बत की तोड़-फोड़, लूटमार व आगजनी की घटना की रिपोर्ट देने के दौरान तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर सी. एन. एन वेबसाईट और अन्य पश्चिमी देशों की मीडिया की भर्त्सना की है ।

सी. एन. एन के वेबसाइट पर सैन्य गाड़ी सड़क पर चलने का एक चित्र छपा है। इंटरनेट के इस्तेमाल वालों ने कहा कि सी. एन. एन ने मूल चित्र का कतरण कर गुंडों द्वारा सैन्य गाड़ी पर हमला करने वाला भाग काट दिया।

अमरीकी फोक्स टेलीविजन स्टेशन के वेबसाईट पर छपे एक चित्र में कहा गया है कि चीन के सैनिकों ने विरोध पेश करने वालों को ट्रक पर खींच कर लादे, लेकिन इस चित्र में जो सैनिक दिखाई दे रहे हैं , वे वास्तव में भारतीय पुलिस कर्मी हैं।

जर्मनी के एन. टी. वी टेलीविजन स्टेशन ने तिब्बत में हुई घटना की रिपोर्ट देने के फोटो में नेपाल के पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जाने के चित्रों का इस्तेमाल किया है।

चीन के वु हान विश्वविद्यालय के प्रेस कालेज के प्रोफेसर सुश्री ल्यु ना ने कहा कि ल्हासा घटना पर पश्चिमी देशों की मीडिया ने तथ्यों के विपरित इतना ज्यादा झूठी रिपोर्टें दी हैं , वह दुराश्य हरकत है । उन्होंने कहा कि अपने विचारों को अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर जबरन थोप डालने वाली ऐसी रिपोर्टें वस्तुगत व निष्पक्षतापूर्ण नहीं हो सकती।