चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन ह्वा न्यूज एजेंसी ने 21 तारीख को 14 मार्च को ल्हासा में हुई हिंसक घटना की असलियत की रिपोर्ट की। रिपोर्ट में कहा गया कि पर्याप्त सबूतों से यह जाहिर है कि दलाई गुट ने ल्हासा की हिंसक घटना रची हैं ।
रिपोर्ट में कहा गया कि 4 जनवरी को दलाई गुट के अधीन पांच उग्रवादी संगठनों ने इंटरनेट पर तिब्बती जनता विद्रोह आदोलन का हंगामा मचाया ।इस के साथ दलाई गुट ने प्रवासी तिब्बतियों के तिब्बत की ओर मार्च करने की गतिविधि आयोजित की, ।7 फरवरी को दलाई गुट की निर्वासित सरकार के संसद के अध्यक्ष रक मा चोस्फल ने 2008 पेइचिंग आलंपिक का अवसर पकडकर विभिन्न गतिविधि को चलाने का दावा किया ,ताकि इस माध्यम से चीन सरकार को 2008 व भावी दो सालों में तथाकथित तिब्बत सवाल का समाधान करने पर मजबूर किया जा सके। 10 मार्च से दलाई गुट ने अलगाववादी गतिविधियों का रिमोंट निर्देशन व योजना बनाना का काम शुरू कर दिया ।उन्होंने ई मेल और डिस्कों के जरिए सूचनाओ का प्रसार शुरू कर अधिकाधिक लोगों को दंगे फसाद में भाग लेने के लिए उकसाया.