2008-03-22 15:36:56

छिंगहाए थार मठ के जीवित बौद्ध व व्यापक भिक्षुओं ने ल्हासा में भड़की तोड़ फोड़, लूटमार व आगजनी की गंभीर हिंसक घटना की कड़ी निन्दा की

इधर के दिनों में उत्तर पूर्वी चीन के छिंगहाए थार मठ के जीवित बौद्ध व व्यापक भिक्षुओं ने तिब्बत के ल्हासा में भड़की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी की गंभीर हिंसक घटना की कड़ी निन्दा की।

थार मठ चीन के तिब्बती बौद्ध के छह मशहूर मठों में से एक है। थार मठ के व्यापक भिक्षुओं ने सर्वसम्मति से कहा कि ल्हासा हिंसक घटना में भाग लेने वाले कुछ भिक्षुओं ने न केवल राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है बल्कि बौद्ध के धार्मिक सूत्रों व धार्मिक नियमों का भी उल्लंघन किया है। एक भिक्षु होने के नाते बौद्ध नियम व उनके आदेशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए और हत्या व हिंसक जैसी गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए। जबकि कुछ भिक्षु ने चन्द लोगों की भड़काव में आकर तोड़ फोड़ मारपीट, लूटमार व आगजनी जैसी हिंसक गतिविधियों में भाग लिया है, उन्हे समझना चाहिए कि तिब्बत स्वतंत्रता का कोई रास्ता नहीं है, इकटठे होकर तोड़ फोड़ मचाना व लूटमार व आगजनी में शरीक होना एक अपमानित कार्रवाई है।(चिनफंग)