2008-03-21 18:13:40

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में 14 मार्च की तोड़ फोड़, लूटमार व आगजनी हिंसक घटना की असलीयत

20 तारीख को चीनी राष्ट्रीय टीवी ने 14 मार्च में ल्हासा में भड़की तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी हिंसक घटनाक्रम फिल्म प्रसारित कर इस घटना से संबंधित अनेक विस्तृत ठोस सबूत पेश किए हैं। इस वृत्त-फिल्म चित्र से देखा जा सकता है कि बहुत से आम लोग व बेकसूर जन समूह इस हिंसक दंगे फसाद के शिकार हुए, सड़क किनारे बहुत सी दुकानों व इमारतों को दंगाईयो ने आग लाग भस्म कर दिया।

14 तारीख की सुबह, कुछ भिक्षुओं ने उत्तर पूर्व ल्हासा स्थित मठ के नजदीक सामान्य गश्त लगा रहे पुलिसों पर पत्थराव किया, इस के बाद, कुछ दंगाईयो ने सड़क में इकटठे हो कर राष्ट्र के विभाजन नारे लगाना शुरू किया और मनमानी ढंग से तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी कार्रवाईयां चलाना शुरू कर दिया, दंगे फसाद की स्थिति जल्द ही फैलने लगी।

ल्हासा के केन्द्र में दंगाईयो ने तोड़ फोड़, मारपीट, लूटमार व आगजनी को तेजी से बढ़ाया और जहां चाहा वहा आग लगा डाली। एक एक सुपर मार्केटों, बाजारों व रेस्तारांटो को दंगाईयो द्वारा लगायी भयंकर आग ने अपनी लपेट में ले लिया। आग से भस्म हुई एक वस्त्र दुकान में , उस समय अभी अभी काम पर आयी पांच लड़कियां इस भंयकर आग से भाग न सकी और जिन्दा जल कर मारी गयी। चोमा इस वस्त्र दुकान की एक मात्र लड़की है जो आग की भयंकर लपेटों से अपनी जान बचा सकी है, उन्होने उस समय के निर्दयपूर्ण हाल की याद करते हुए कहा हमारी दुकान का दरवाजा शीशे का था, दंगाईयो ने उसे जम कर तोड़ा और आखिर में पूरे शीशे के दरवाजे को चकनाचूर कर दिया। हम सब घबरा के रोने लगी, घबरा के हमारे सभी का बदन कांप रहा था, एक शब्द भी नहीं बोला जा रहा था। मैने तो अपनी जिन्दगी में कभी ऐसी भयंकर घटना नहीं देखी थी, सुबह हम खुशी खुशी काम पर आए थे, अचानक यह घटना घटी, मैं तो बिल्कुल सोच भी नहीं सकती । लेकिन हम इन दंगाईयों से कहना चाहते हैं कि तुम क्यों इतने बेकसूर लोगों को मारने पर तुले हुए हो।

हिंसक घटना में दंगईयों ने बहुत क्रूर तरीके इस्तेमाल किए । जैसे उन्हों ने रास्ते में मोटर साइकिल पर सवार एक पुरूष को रोक कर ईंट व पत्थरों से उस का सिर फाड़ दिया । फलस्वरूप इस पुरूष की दायीं आंख में गहरा घाव हो गया और उस की यह आंख चली गई, और उस के बाएं कान को इन दगंईयों ने चाकू से काट दिया । आश्चर्यजनक बात यह हुई कि जब डॉक्टर घायलों को बचाने के लिए घटना स्थल पर गए , तब गुडों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा और उन के साथ भी मारपीट की । ल्हासा शहर के जन-अस्पताल के डॉक्टर श्री लूसेल ट्सरिंग को भी हिंसक घटना में चोट पहुंची। उन्हों ने कहा ,

रास्ते में हमारी गाड़ी को गुडों ने रोका , हम ने उन्हें बताया कि हम डॉक्टर हैं , घायलों को बचाने जा रहे हैं । लेकिन उन्हों ने हमारी बातें न सुनकर हमारी मोटर गाड़ी के साथ तोड़-फोड़ की और हमें मारा पीटा ।

ल्हासा शहर में कुछ बिजली व सूचना उपकरणों , बैंकों , अस्पतालों और स्कूलों को भी नष्ट किया गया । दंगईयों ने ल्हासा के नम्बर 2 मीडिल स्कूल में घुसकर आग लगा दी , और आग को बुझाने के लिए आयीं अग्निशमन टुकड़ियों पर भी हमला किया । घटना में कुल दो अग्निशमन गाड़ियों को पूर्ण रूप से बरबाद कर दिया गया , और चार अग्निशमन के सदस्यों को गंभीर रुप से घायल किया गया ।

ल्हासा शहर में हिंसक घटना होने के बाद स्वायत्त प्रदेश सरकार ने सामाजिक शांति और नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भेजे । हम ने टीवी की खबरों में यह देखा है कि पुलिस ने अपना मिशन निभाते समय किसी भी हथियार का प्रयोग नहीं किया । उन्हों ने स्वंय को दंगईयों के हमले से बचाते हुए उन का सामना किया , उन दंगईयों के हाथों में पत्थर , ईंट और चाकू आदि खतरनाक औजार थे । आंकड़ों से जाहिर हुआ है कि इस हिंसक घटना में गुडों ने कुल 216 नागरिक रिहायशी मकानों व दुकानों को आग लगाकर नष्ट किया , कुल 56 मोटर गाड़ियों को जला दिया , और 13 बेगुनाह नागरिकों को जिंदा जला कर या चाकू घोंप कर मार डाला । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार के अधिकारी श्री पोडमा ट्सीनले के अनुसार काफी सबूतों से यह जाहिर है कि ल्हासा शहर में हुई लूट-मार एवं आगजनी की घटना दलाई गुट द्वारा सुनियोजित तौर पर गठित की गयी है ।

उन्हों ने कहा , दलाई गुट ने भिन्न-भिन्न माध्यमों से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रहने वाले भिक्षुओं के साथ संपर्क रखकर उन्हें आदेश भेजा । उन्हों ने लूटमार करने व आग लगाने की हिंसक कार्यवाही में भाग लेने के लिए अंधाधुंध लोगों को भड़काया ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संबंधित विभागों के अनुसार 19 तारीख को 22 बजे तक ल्हासा शहर में कुल 170 व्यक्तियों ने , जिन्हों ने तोड़-फोड़ , लूटमार और आगजनी की घटना में भाग लिया था , सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है । संवाददाताओं ने 20 तारीख को ल्हासा शहर के प्रमुख कस्बों और सड़कों पर देखा है कि ल्हासा शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात सही-सलामत है , अधिकांश दुकानों में कामकाज़ बहाल हो चुका है, कालेज़ों और मीडिल व प्राइमरी स्कू्लों में पढ़ाई ठीक-ठाक चल रही है । शहर में सामाजिक व्यवस्था की पूर्ण रुप से बहाली हो चुकी है ।