हमारी संस्था चाइना रेडियो इंटरनेशनल के निकट 2 साल पहले "पहाड़ी जल-तट पर घर" नामक एक बस्ती निर्मित की गई,जिस का फर्शी क्षेत्रफल 15 लाख वर्गमीटर से भी अधिक है। दसेक 21 मंजिला इमारतों से बनी इस बस्ती में लगभग कोई 4 लाख लोग रहते हैं। सन् 2004 में इस बस्ती के कुछ निवासियों ने इंटरनेट पर "(bbs.myss.cn) "वेबसाइट स्थापित की। अब तक इस का उपयोग करने वालों की संख्या 5500 तक पहुंच गई है। लोग इस वेबसाइट को एक मंच मानकर उस पर कई विषयों पर बातचीत करते हैं। न0.7 इमारत में रहने वाले एक व्यक्ति ने हमारे संवाददाता से कहाः
"इंटरनेट ऐसा अवसर और जगह प्रदान करता है, जहां लोग विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। एक या इस से अधिक बस्तियों में रहने वाले लोग इंटरनेट पर स्थापित सामुदायिक वेबसाइट के जरिए एक दूसरे से परिचित हो सकते हैं और किसी भी विषय पर विचार-विमर्श कर सकते है। वे आम तौर पर मिलने पर शायद एक दूसरे को न पहचान पाएं,लेकिन इंटरनेट पर अच्छे दोस्तों जैसे एक दूसरे को खूब जानते हैं।सामुदायिक वेबसाइट से लोगों को बहुत लाभ मिल सकता है। उदाहरणार्थ जब मैंने किसी काम की सफलता के लिए विशेषज्ञता वाली सलाह लेनी चाही,तो मेरे लिए बस्ती की दसेक इमारतों में भटकना असंभव था। इसलिए मैं ने सामुदायिक वेबसाइट का सहारा लिया। फलस्वरूप अनेक अच्छी सलाहें मिलीं और बाद में सलाह देने वाले लोग मेरे अच्छे मित्र बन गए । यह शहरवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
चीन में पिछली शताब्दी के 70 और 80 वाले दशकों में लोग आम तौर पर प्रांगण वाले मकानों में रहते थे। लोगों को एक दूसरे से मिलने के अवसर ज्यादा थे, इसलिए पड़ोसियों के बीच संबंध करीबी थे। किसी परिवार में कठिनाई होती थी,तो इसे दूर करने में पड़ोसी जरूर मदद देते थे। "पड़ोसियों से दूरस्थ रिश्तेदार कम मददगार" कहावत उस समय बहुत सही थी। लेकिन शहरी आधुनिकीकरण के चलते लोग तेजी से नवोदित गंगनचुंबी इमारतों में स्थानांतिरत हो गए हैं। इस तरह की आवासीय इमारतों ने लोगों के आपसी संबंधों में काफी दूरी ला दी है। लोग बाहर से आ कर लिफ्ट से सीधे घरों में चले जाते है। दूसरों से कटकर उन्होंने अपने को घर में कैदी बना लिया है। पड़ोस में कौन रहता है ? इस की उन्हें थोड़ी भी जानकारी नहीं होती। यह स्थिति पेइचिंग जैसे महानगरों में बहुत आम है। सो "मरते दम तक एक दूसरे के यहां नहीं जाना" वाली कहावत अक्सर सुनने को मिलती है।
पिछली सदी के 90 वाले दशक से चीन के राजनीतिक,सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में पेइचिंग की ओर बड़ी संख्या में दूसरे क्षेत्रों के लोग आकर्षित हो रहे हैं। इस समय पेइचिंग शतप्रतिशत उत्प्रवासी शहर बन गया है। पेइचिंग में नौकरी, शिक्षा व जीवन के लिए अन्य क्षेत्रों से अनगिनत लोगों का पलायन हो रहा है और वे विभिन्न बस्तियों में बसकर विभिन्न सामुदायिक क्षेत्रों के नए सदस्य बन गए हैं। इंटरनेट पर उन्हों ने अपने-अपने सामुदायिक क्षेत्र की वेबसाइटों के जरिए परायापन और अकेलेपन को दूर करने के लिए नए मित्र बना लिए हैं। इंटरनेट पर सामुदायिक क्षेत्रों में उभरी विचार-विमर्श की इस तरह की संस्कृति इस समय अधिकांश चीनी शहरवासियों की जिन्दगी का एक अंग बन गई है। वे इस के जरिए पड़ोसियों से मैत्री-भावना महसूस कर सकते हैं और असली मैत्री भी प्राप्त कर सकते हैं।
"पहाड़ी जल-तट पर घर" बस्ती में रहने वाले एक युवक ने "आकूनामटाटा" नामक अपनी निजी वेबसाइट स्थापित की है,जो इस सामुदायिक क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है। वह अकसर इस पर सामुदियाक क्षेत्र के लोगों को इकठ्ठा करके आयोजन करते हैं। उन का कहना हैः
"विश्व कप फुटबाल मैच के दौरान मैं ने अपनी वेबसाइट पर इस सामुदायिक क्षेत्र के लोगों को बड़ी संख्या में आमंत्रित कर विचारों का आदान-प्रदान किया।पूरा एक महीना मेरी वेबसाइट आगुंतकों से भरी रही। नतीजतन समान रूचि रखने वाले बहुत से लोगों ने एक दूसरे को जाना और वे आपस में मित्र बन गए । हम इंटरनेट पर खेल-प्रतियोगिता और गीत-संगीत समारोह जैसी गतिविधियां भी आयोजित करते रहते हैं।"
सूत्रों के अनुसार "आकूनामटाटा" वेबसाइट के संस्थापक और इस वेबसाइट के उपभोक्ता कला-संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों में भी काफी सक्रिय हैं। वे अक्सर सामुदायिक क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत करते हैं। कुछ समय पूर्व उन में से एक को चीन के मशहूर पॉप गायक चो ह्वा-चैन के साथ एक बड़ी महफिल में गीत गाने के लिए चुना गया। सामुदायिक क्षेत्र के लोगों को बहुत गौरव महसूस हुआ।