2008-03-20 09:53:51

चीनी राष्ट्रीय जन-प्रतिनिधि सभा में लो-पा जाति की प्रतिनिधि श्याओ हूंग की कहानी

6 मार्च की सुबह पेइचिंग के शानदार जन बृहद भवन में जातीय विशेषताओं से सज्जित तिब्बत हाल में,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के महासचिव , राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ जन-प्रतिनिधि सभा में उपस्थित तिब्बती प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों के साथ जोश से बैठ गयीं । बैठक में सुश्री श्याओ हूंग का बयान सुनने के बाद श्री हू चिन थाओ ने उन के साथ स्नेह से बातचीत की ।

बातचीत में श्री हू चिन थाओ ने पूछा , तुम्हारे कस्बे से नगर तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह बन गया है न ? गांव में रहने वाले सभी छात्र प्राइमरी स्कूल में पढ़ सकते हैं ? सुश्री श्याओ हूंग ने राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ के प्रश्नों का एक-एक करके उत्तर दिया , कि रास्ता प्रशस्त हो चुका है , गांव में रहने वाले सभी छात्र प्राइमरी स्कूल में पढ़ सकते हैं , और उन में कुछ छात्र, जिन्हें काँऊटी के स्कूलों में रहना पड़ता है , वे भी बोर्डिंग स्कूल में रह कर पढ़ सकते हैं । और उन का स्कूल में खाना , रहना और ट्यूएशन फीस सब निशुल्क है ।

राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ के साथ बातचीत करने के बाद सुश्री श्याओ हूंग बहुत प्रभावित हैं ।

मैं बहुत खुश और प्रेरित हूं , कि राष्ट्राध्यक्ष ने हमारी अल्पसंख्यक जातियों का कितना ध्यान रखा है।

सुश्री श्याओ हूंग जन-प्रतिनिधि कैसे बनीं ? वे इतनी प्रेरित क्यों हैं ? आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीन में सब से कम जनसंख्या वाली जाति ---लो-पा जाति तथा उन में से चुने गये जन-प्रतिनिधि श्याओ हूंग की कहानी सुना रहे हैं ।

लो-पा जाति का तिब्बती जाति से घनिष्ठ संबंध हैं । तिब्बती भाषा में लो-पा का मतलब है दक्षिण में रहने वाला क्योंकि लो-पा जातीय लोग तिब्बती स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में रहते हैं , लो-पा जाति की जनसंख्या सिर्फ तीन हज़ार है , जो चीन की सभी जातियों में सब से कम है ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की मी-लीन कांऊटी के नान-ई टाउनशिप में लो-पा जाति के बहुत से लोग केंद्रित हैं । कस्बे के तीन गांवों में कुल 470 गांववासी रहते हैं । सुश्री श्याओ हूंग नान-ई कस्बे की मुखिया का पद संभालती हैं । 33 वर्षीया श्याओ हूंग दूसरी बार जन-प्रतिनिधि बनी हैं । पांच साल पहले पहली बार जन-प्रतिनिधि बनने की आपबीती का सिंहावलोकन करते हुए सुश्री श्याओ हूंग ने संकोच के साथ कहा ,

तब मुझे खुशी होने के साथ साथ चिन्ता भी थी , क्योंकि जन-प्रतिनिधि के कंधे पर बहुत जिम्मेदारी होती है , हम पर जनता की आशाओं को पूरा करवाने का दायित्व है । जब मैं प्रथम बार जन-प्रतिनिधि सभा में बोली थीं , तब मैं कुछ नर्वस थी। आज सब कुछ सही है , मुझे अपने दायित्व के प्रति उपलब्ध जानकारियां हासिल हैं , और जब मैं सभा में बोलना चाहती हूं , तो उस के लिए मैं पहले सारी तैयारी कर लेती हूं ।

चीनी राष्ट्रीय जन-प्रतिनिधि सभा की व्यवस्था के अनुसार देश के विभिन्न क्षेत्रों , वर्गों , जन समुदायों और सभी अल्पसंख्यक जातियों के भी अपने-अपने प्रतिनिधि निर्वाचित किए जाने चाहिएं । बहुत छोटी जाति होने के बावजूद लो-पा जाति का एक प्रतिनिधि भी चुना गया है । सुश्री श्याओ हूंग का लो-पा जातीय लोगों में खूब नाम है , उन्हों ने अपने जाति-बंधुओं के लिए बहुत काम किया है और उन की बहुत सी मुश्किलों को दूर किया है , इससे उन्हें दूसरी बार राष्ट्रीय जन-प्रतिनिधि निर्वाचित होने का गौरव मिला है ।

अपनी जाति के हितों और ज़रूरतों की जन-प्रतिनिधि सभा में जानकारी देने के लिए सुश्री श्याओ हूंग ने इस वर्ष की जन-प्रतिनिधि सभा में भाग लेने के लिए खूब तैयारियां की हैं ।

अपने कस्बे में काम करने के दौरान मैं ने लोगों के जीवन में जो समस्याएं है , उन्हें नोट कर लिया है । मिसाल के लिए रास्तों का निर्माण करने का सवाल है , छात्रों के स्कूल में पढ़ने का सवाल है और लोगों के उत्पादन और जीवन में आऩे वाली अनेक समस्याओं के सवाल इत्यादि हैं , मैं इस सब की तैयारियां कर चुकी हूं , ताकि जन-प्रतिनिधि सभा में इन्हें प्रस्तुत कर सकूं ।

सुश्री श्याओ हूंग की आवाज़ पतली और मनोहर है । बातचीत में उन्हों ने इधर के पांच सालों में प्राप्त अपनी उपलब्धियों का परिचय नहीं दिया । पर उन्हों ने जन प्रतिनिधि की हैसियत से जो काम किया , उस की चर्चा करते हुए कहा ,

हमारे गांव के सामने एक नदी बहती है । बरसात के मौसम में गांववासियों को नदी के दूसरे तट पर जा कर पशुपालन करने या जड़ी-बूटी इक्कट्ठी करते समय बहुत ही मुश्किल आती है । मैं ने गांवासियों की शिकायतें स्वायत्त प्रदेश के नेताओं के सामने रखी हैं , और स्वायत्त प्रदेश सरकार ने नदी पर पुल का निर्माण किया है। इस पुल के निर्माण से सिर्फ गत वर्ष में ही गांववासियों की आय में दो लाख य्वान की वृ्द्धि हुई है।

सुश्री श्याओ हूंग अक्सर कस्बे के विभिन्न गांव देखने जाती हैं , ताकि किसानों व चरवाहों की मुश्किलों को दूर करने में मदद दे सकें । उन्हों ने कहा कि लो-पा जातीय लोग मार्ग का निर्माण तथा पर्यटन संसाधन का विकास करने जैसे सवालों पर बहुत ध्यान देते हैं । लोगों की राय सुनने के बाद वे जन-प्रतिनिधि की हैसियत से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन-प्रतिनिधि सभा या सरकार के संबंधित विभागों के साथ संपर्क रखती हैं , या दूसरे प्रतिनिधियों के साथ देश की सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था यानी राष्ट्रीय जन-प्रतिनिधि सभा के समक्ष रिपोर्ट देती हैं । राष्ट्रीय जन-प्रतिनिधि सभा के पहले के अधिवेशनों में सुश्री श्याओ हूंग द्वारा प्रस्तुत सवालों , का जो मि-लीन कांऊटी के नान-ई कस्बे में मार्ग, बिजली , मकान और सूचना उपकरण जैसे निर्माण से संबंधित हैं , समाधान किया जा चुका है । सुश्री श्याओ हूंग द्वारा किसानों व चरवाहों के लिए स्वच्छ मकानों के निर्माण पर प्रस्तुत सुझाव के अनुसार , सरकार ने नान-ई कस्बे के सभी 113 परिवारों में से 101 के लिए चौड़े और रोशनीदार नये मकान निर्मित किए हैं , जिससे स्थानीय किसानों व चरवाहों की रिहायशी स्थितियों में बहुत सुधार हुआ है।

स्थानीय लोगों के अनु्सार उन के पुराने मकान लकड़ियों से निर्मित थे , ऐसे सरल मकानों में रोशनी नहीं थी , और सीलन भी रहती थी । आज उन्हें पत्थरों और लकड़ियों से निर्मित नये मकान प्राप्त हैं , सर्दियों में सर्दी नहीं लगती । स्थानीय लोग केंद्र सरकार की स्वच्छ नीतियों के प्रति आभारी हैं ।

लो-पा जातीय महिला होने के नाते सुश्री श्याओ हूंग ने अपनी आंखों से अपने जाति-बंधुओं के जीवन में उत्पन्न परिवर्तन देखा है । उन्हों ने कहा कि इधर के वर्षों में नान-ई कस्बे में तारकोल सड़क , बिजली व पेयजल की आपूर्ति , टीवी व प्रसारण और टेलिफोन आदि की सेवाएं सब उपलब्ध हैं । लोगों की आय साल ब साल बढ़ रही है , और लीन-ची कांऊटी में हवाई अड्डा खुलने के बाद पर्यटन उद्योग का भी उल्लेखनीय विकास हुआ है ।

उन्हों ने कहा कि हवाई अड्डा खुलने से पहले हमें पर्यटन से आय नहीं होती थी , अब हम अपने समृद्ध पर्यटन संसाधन का प्रयोग कर सकते हैं । उन्हों ने कहा कि सुदूर पहाड़ों में स्थित लो-पा जाति कम जन-संख्या वाली है । लो-पा जाति का विकास केंद्र सरकार और स्वायत्त प्रदेश की सरकार की मदद के बिना असंभव है । तिब्बती स्यायत्त प्रदेश की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के सचिव श्री चांग छींग ली ने कहा ,

लो-पा जाति अल्पसंख्यक जातियों में से भी अल्पसंख्यक कहलाती है । इसलिए हम ने उन के विकास का जोरदार समर्थन किया है । इधर के वर्षों में दूसरी जातियों की तुलना में लो-पा जाति का विकास सब से उल्लेखनीय है , क्योंकि इस के विकास की नींव कमज़ोर थी और प्राकृतिक स्थिति भी संपन्न नहीं थी। इसलिए हम ने इसे अधिक सहायता दी है ।

वर्तमान जन-प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत अपने सुझाव की चर्चा करते हुए सुश्री श्याओ हूंग ने यह आशा जतायी कि केंद्र सरकार की'सीमांत क्षेत्रों का विकास करने और वहां रहने वालों को अमीर बनाने'की नीति पर आगे जोर दिया जाएगा ।

केंद्र सरकार की सीमांत क्षेत्रों का विकास करने की नीति सही है । इधर के वर्षों में हमारे जीवन में भारी सुधार आया है । आशा है कि केंद्र की जन-जीवन का सुधार करने की नीतियों पर आगे जोर दिया जा सकेगा । जन-प्रतिनिधि की हैसियत से मैं अपनी जन्मभूमि के विकास के लिए अधिक भूमिका अदा करूंगी। (श्याओयांग)