2008-03-19 16:50:53

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास व परामर्श आयोग के सम्मानित अध्यक्ष श्री रेती ने ल्हासा दुर्घटना की चर्चा की

तिब्बत जाति के जाने-माने व्यक्ति, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास व परामर्श आयोग के सम्मानित अध्यक्ष श्री रेती ने 19 तारीख को पेइचिंग में सख्त शब्दों में हाल ही में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में हुई लूट-मार और आगजनी की हिंसक घटना की कड़ी निन्दा की । उन्हों ने कहा कि इस घटना से एक बार फिर यह जाहिर हुआ है कि दलाई लामा गुट द्वारा की जा रही फूट-परस्त कार्यवाही एक सैकिंड के लिए भी खत्म नहीं हुई है ।

इस महीने की 14 तारीख की सुबह ग्यारह बजे , कुछ भिक्षुओं ने उत्तर पूर्वी ल्हासा स्थित रामोचे मठ में काम कर रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव किया । इस के बाद कुछ गुंडों ने सड़कों पर एकत्र हो कर देश के विभाजन के नारे लगाये । फिर उन्होंने शहरों में लूटमार करना और आग लगाना शुरू किया । उन्हों ने सरकारी संस्थाओं में घुस कर हमला किया , बैंकों, दुकानों, तेल पंप स्टेशनों तथा बाजारों में लूटमार की और आम नागरिकों को मारा-पीटा । दुर्घटना का तेज़ विस्तार हुआ । आंकड़ों के अनुसार इस हिंसक कार्यवाही में गुंडों ने कुल 210 से अधिक दुकानों और रिहायशी मकानों को आग लगाकर नष्ट किया , 56 मोटर गाड़ियों को जला कर बरबाद किया । कुल 13 बेगुनाह नागरिकों को अपराधियों की हिसंक कार्यवाहियों में जान से हाथ धोना पड़ा ।

तिब्बत जाति के जाने-माने व्यक्ति, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास व परामर्श आयोग के सम्मानित अध्यक्ष श्री रेती ने इस का पर्दाफाश किया कि हमारे पास इस बात के काफी सबूत हैं जिन से यह साबित होता है कि कि ल्हासा में हुई हिंसक कार्यवाही दलाई गुट द्वारा सुनियोजित तौर पर गठित और आयोजित की गयी है ।

उन्हों ने कहा कि दुलाई गुट का उद्देश्य वर्तमान के संवेदनशील काल में मुठभेड़ पैदा करना है और दुर्घटना को बड़ा बनाकर खून खराबे वाली दुर्घटना बनाना है , ताकि हमारे देश की शांत व सामंजस्यपूर्ण परिस्थिति को भंग किया जाए । इस घटना से एक बार फिर यह साबित हुआ है कि अलगाववादी गुट द्वारा हमारी सत्ता को उलटने की साजिश नहीं हटी है , दलाई गुट के देश में फूट डालने की कार्यवाही एक सैकिंड के लिए भी खत्म नहीं हुई है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास व परामर्श आयोग , जहां श्री रेती कार्यरत हैं , तिब्बत के विभिन्न जगतों के विद्वानों व विशेषज्ञों से गठित परामर्श संस्था है । आयोग तिब्बत के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है । 70 वर्षीय श्री रेती पुराने तिब्बत काल में किसान गुलाम थे । उन्हों ने अपनी आंखों से वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद वहां हुआ सभी परिवर्तन देखा है । उन्हों ने कहा कि ल्हासा में हुई हिंसक घटना कोई अकारण घटना नहीं है । इधर दसेक सालों में तिब्बत के इतिहास में सब से तेज़ परिवर्तन आया है , जिससे तिब्बती जनता को भी सब से अधिक लाभ मिला है । लेकिन दलाई गुट यह नहीं देखना चाहता है कि तिब्बत में सामाजिक प्रगति, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकता का दृश्य नज़र आए , और तिब्बती जनता अपनी मालिक बनकर सुखमय जीवन की खुशियां मनाए । इसलिए दलाई गुट ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और यहां तक कि तमाम तिब्बती क्षेत्रों की सुस्थिरता व विकास को नष्ट करने की यथा संभावित कोशिश की है ।

इस घटना के बाद तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने शीघ्र कदम उठाए और आगजनी जगहों की आग को बुझाने, घायलों का इलाज करवाने के साथ कानून के अनुसार तोड़ फोड़ मचाने, लूटमार करने व आग लगाने जैसे अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाईयां जारी की हैं । वर्तमान ल्हासा की स्थिति शान्त होने लगी है, सामाजिक व्यवस्था की स्थिरता बहाल होने लगी है। लेकिन दलाई लामा गुट व पश्चिम देशों के कुछ लोगों ने दंगेबाजियो के तोड़ फोड़ मचाने, लूटमार करने व आगजनी में भाग लेने जैसी इन दंगे फसाद कार्रवाईयों को शान्ति प्रदर्शन की संज्ञा दी है और कानून के मुताबिक जनता के जान माल की सुरक्षा व सामाजिक व्यवस्था को खतरा पहुंचाने वाले इस गंभीर हिंसक कार्रवाईयों का निपटारा करने की चीन की इस कार्रवाई को शान्ति प्रदर्शनकारियों का दमन करना कहा है ।

श्री रेती ने कहा इन कथनियों ने तथ्यों को नजरअन्दाज किया है और सच्चाई को झूठा साबित करने की कुचेष्टा कर रही है। हम पूछना चाहते हैं कि कौन सा ऐसा देश है , कौन सी ऐसी सरकार है , जो ल्हासा में उत्पन्न इस तरह के तोड़ फोड़, लूटमार व आगजनी जैसी हिंसक कार्रवाई घटना के आगे हाथ धरे बैठ सकते हैं। कोई भी ऐसी सरकार नहीं है जो जनता के जान माल की सुरक्षा को नजरअन्दाज करेगी, न ही दंगेबाजो की तोड़ फोड़ व स्थिरतापूर्ण व समंजस्यपूर्ण सामाजिक व्यवस्था तथा शान्ति व एकता की उम्दा स्थिति को नष्ट करने की इजाजत देगी। हम पूरे विश्वास के साथ कहा सकते हैं कोई भी देश इस हिंसक कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

जानकारी के अनुसार, वर्तमान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के अधिकतर दुकानों ने अपना धन्धा चलाना शुरू कर दिया है, कालेजों व प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की कक्षाए सामान्य रूप से चल रही हैं, ल्हासा की सामाजिक स्थिति बुनियादी तौर से सामान्य हो गयी है।