आज इस शांतिमय मंदिर में पूर्वी व पश्चिमी भाग में खड़े मकान कलारूम का काम देते हैं । जीर्णोधार चंग चओ वन मंदिर ने चीनी विद्या को प्रदर्शित करने और श्रेष्ठ परम्परागत संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का काम संभाल लिया है । यहां के कलारूमों को प्राचीन प्राइवेट स्कूल का रूप दिया गया है , कलारूम में छात्र फर्श पर बैठे हुए हैं और हरेक छात्र के सामने एक पतला लम्बा डेस्क रखा हुआ है और पढ़ाई का अधिकतर विषय चीनी परम्परागत कंफ्यूशेस विचारधारों से युक्त ग्रंथों पर आधारित है ।
सौ वर्षों तक चुपी बनाये रखने वाले वन मंदिर में आज फिर पढ़ने की आवाज सुनाई पड़ती है , इस का इस हजार वर्ष पुराने वन मंदिर के लिये भारी महत्व है , क्योंकि यह मंदिर प्राचीन काल से ही प्राचीन चीनी विशेषताओं वाली शिक्षा प्रणाली का अनुसरण करते हुए शिक्षा दीक्षा का सफल अड्डा ही था , अब इसी प्रणाली की बहाली से यह साबित हो गया है कि चीनी प्राचीन विशेष शिक्षा दीक्षा का विरासत में फिर ग्रहण किया जाने लगा है । इस वन मंदिर में चीनी विद्या पढ़ाने वाली टीचर सुश्री मंग ली ने इस तरह परिचय देते हुए कहा इस वन मंदिर में चीनी विद्या पढ़ने वाले छात्र जुलाई 2006 में भरती होने लगे हैं , वे मुख्य तौर पर कंफ्युशेस के विश्वविद्यालय , शिष्य निमय और माध्यमिक जैसे प्राचीन ग्रंथ पढ़ते हैं । मेरे ख्याल से यदि इन छात्रों को चीनी प्राचीन श्रेष्ठ रचनाओं की पढायी जाती है , तो छात्रों की कैरियल बनाने के लिये एक बहुत अच्छा माध्यम है ।
वन मंदिर में घूमते हुए छात्रों की पढ़ने की अलग आवाज सुनाई देने से चीनी प्राचीन शिक्षा प्रणाली का माहौस महसूस हो सकता है , फिर चारों तरफ खड़े पुरानी वास्तु शैली युक्त मंदिर भवन देखने से मानो सचमुच पुराने जमाने में फिर वापस लौट गये हो , यहां वाकई एक चीनी प्राचीन प्रणाली रूपी विद्यालय कहने लायक है ।
श्रोता दोस्तो , चन चओ वन मंदिर प्राचीन शहरी संभ्यता सुरक्षित रखने वाला तीर्थ स्थल है , यहां अपना गाढ़ा सांस्कृतिक वातावरण व्याप्त है और शहरी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक परम्पराएं गर्भित हैं । यदि आप को प्राचीन चीनी शिक्षी प्रणाली में रूचि लेते हैं , कभी कभार चीन आने का मौका मिलेगा , तो अवश्य ही चंग चओ वन मंदिर का दौरा करना मत भूलेंगे , इस वन मंदिर में आप को अलग ढंग वाले प्राचीन चीनी शिक्षा दीक्षा के तौर तरीके देखने को मिलेगा और चीनी प्राचीन रूपी वाला सांस्कृतिक परिवेश नजदीगी से महसूस हो पायेगा ।