विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश एक रहस्यमय व सुन्दर स्थल है । यहां के लोग सीधे-सादे हैं, तिब्बत की संस्कृति का इतिहास बहुत पुराना है, और प्राकृतिक सौदर्य भी लोगों को लुभाता है। मुझे याद है कि एक दोस्त ने कहा था कि अगर एक बार तिब्बत जाने का अवसर मिले, तो जिंदगी में इस यात्रा की सारी यादें हमेशा याद रहेंगी , और तिब्बत का रंग सदा के लिए दिल में बस जाएगा । इधर के वर्षों में चीन ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास पर ज्यादा महत्व दिया है, भीतरी इलाके के अनेकों लोग तिब्बत की सहायता के लिए यहां आए हैं। आज के इस लेख में हम आप को तिब्बत की सहायता के लिए भीतरी इलाके के लोगों की कहानी नहीं सुनाएंगे , हम आप को परिचय देंगे एक चीनी दंपति के तिब्बत के प्यार का। वे तिब्बत को अपनी जन्मभूमि और स्रोत मानते हैं और तिब्बत से असीम प्यार करते हैं ।
"तिब्बत के प्रति मेरा सब से बड़ा एहसास यह है कि यहां बिताया हर क्षण मुझे अपने में बांधता है, मुझे लगता है कि इतने सालों में मैं तिब्बत के साथ एक गहरे रुप से जुड़ गई हूं ।"
ल्हासा स्थित चीन के तिब्बत सूचना केंद्र की स्थाई संवाददाता सुश्री वांग शू को तिब्बत में काम करते हुए 20 वर्ष बीत चुके हैं। वे तिब्बत में पली बढ़ी, तिब्बत में काम करना शुरु किया, वह तिब्बत में रहती हैं और तिब्बत में अपना एक छोटा सा घर बनाया है। तिब्बत में रहते हुए उसे कोई चालीस वर्ष हो चुके हैं । वह तिब्बत से बहुत प्यार करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन का घर राजधानी पेइचिंग में बसा हुआ है, लेकिन इतने समय से तिब्बत में रहने और काम करने के कारण उन्हें तिब्बत से विदा लेना मुश्किल लग रहा है। तिब्बत उन की जन्मभूमि नहीं, वे स्वयं तिब्बत के विशाल पठार का एक तत्व बन गयी हैं। तिब्बत से अपने प्यार की चर्चा में सुश्री वांग शू ने भाव-विभोर हो कर कहा :
"तिब्बत में अनेक क्षेत्र लोगों को प्रभावित करते हैं । यहां के लोग सीधे-सादे हैं और यहां की संस्कृति बहुत रंगबिरंगी है। लोग कहते हैं कि तिब्बत हमारी भावना का घर है और आत्मा का अंतिम पड़ाव । तिब्बत में आप ज्यादा समय बिताएंगे , तो ऐसा एहसास ज्यादा गहरा होगा ।"
चालीस वर्षीय वांग शू ने विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद तिब्बत में सांस्कृतिक विभाग में काम करना शुरु किया । उन्हें तिब्बती संस्कृति के बारे में गहरा अनुभव है और तिब्बती संस्कृति से बहुत प्यार है । सुश्री वांग शू का विचार है कि विश्व के अनेक लोगों को तिब्बत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तिब्बत अनेक लोगों के लिए एक रहस्य भी है । इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को तिब्बत की पुरानी संस्कृति और विशेष सौंदर्य से परिचित करवाने के लिए उन्होंने बड़े काम किए । कई साल पूर्व जब सुश्री वांग शू ल्हासा स्थित चीन के तिब्बत सूचना केंद्र की स्थाई संवाददाता बनीं,तब से वह तिब्बत के प्रचार-प्रसार में लगी हुई हैं । वे तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों के साथ साक्षात्कार करती हैं, तिब्बत में उत्पन्न बड़ी व छोटी घटनाओं को अंकित करती हैं और अपनी आंखों से देखे तिब्बत को दूसरों को प्रसारित करती हैं ।उन्हें लगा कि तिब्बत का विश्व के सभी लोगों को परिचय देना उन का कर्तव्य ही नहीं उन की अभिलाषा भी है। अपने कामकाज की चर्चा में सुश्री वांग शू ने कहा:
"मैं अपना काम पसंद करती हूँ । क्योंकि मैं तिब्बत को प्यार
करती हूँ, इस लिए काम करते समय मुझे आनंद मिलता है । मेरा विचार है कि सिर्फ़ तिब्बत को प्यार करने की शर्त पर ही लोगों में इस तरह के काम के प्रति जोशीली भावना पैदा होगी ।"
सुश्री वांग शू ने कहा कि वह लम्बे समय से ल्हासा में रहती हैं और पति व बेटे राजधानी पेइचिंग में रहते हैं । इस तरह ल्हासा और पेइचिंग आना-जाना उन के जीवन का एक हिस्सा बन गया है। तिब्बत में लम्बे समय तक रहने के कारण उन्हें यहां की विशाल भूमि और शांत जीवन की आदत पड़ गई है । हर बार पेइचिंग आने के बाद उन्हें ज्यादा अच्छा नहीं लगता है । उन्होंने कहा कि बड़े शहर में रहना सुविधाजनक होने के बावजूद यहां के शोर-शराबे और दूषित वायु में सांस लेना उन्हें कठिन लगता है। इस तरह हर बार पेइचिंग आने के बाद उन्हें तिब्बत का नीला आसमान और सफेद बादलों की याद सताती है और वह जल्द ही वापस लौटना चाहती हैं । वांग शू के पति अपनी पत्नि के तिब्बत के प्यार को समझते हैं, और पत्नि के काम का समर्थन भी करते हैं ।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े । (श्याओ थांग)