2008-03-12 15:56:40

चीनी गोताखोरी टीम ऑलंपिक की तैयारी में मनोवैज्ञानिक अभ्यास पर ध्यान दे रही है

चीनी गोताखोरी टीम चीनी खेल-जगत में ड्रीम टीम के नाम से प्रसिद्ध है ।पिछले 6 ऑलंपिक खेल समारोहों में चीनी गोताखोरी टीम ने चीनी खेल प्रतिनिधि मंडल में सब से ज्यादा स्वर्ण पदक जीते हैं ।पेइचिंग ओलिंपक में चीनी गोताखोरी टीम निस्संदेह खेल प्रेमियों का केंद्र बन जाएगी। चीनी गोताखोरी टीम ने ओलिंपिक की तैयारी के लिए चार महीने का शीतकालीन अभ्यास पूरा किया ।तकनीकी व शारीरिक अभ्यास के अलावा चीनी टीम के खिलाडियों को मनोवैज्ञानिक अभ्यास करने का भी मौका मिला है ।

शीतकाल में किया गया चीनी गोताखोरी टीम का चार महीने का अभ्यास हाल ही में समाप्त हुआ । शीतकाल का अभ्यास दो दौर में चला ।पहला दौर पेइचिंग में हुआ ,जबकि दूसरा दौर पूर्वी चीन के ची नान शहर में समाप्त हुआ ।दूसरे दौर में चीनी टीम ने एक आंतरिक प्रतियोगिता भी आयोजित की ।पुरुष तीन मीटर स्प्रिंग बोर्ड के खिलाडी ह चुंग ने अभ्यास की याद करते हुए कहा , शीतकाल में चीनी टीम ने कठोर अभ्यास किया । इस दौरान हम ने एक ओलिंपिक चयन प्रतियोगिता में भाग लिया ।इस के बाद हम ने विश्व कप डाइविंग प्रतियोगिता में भाग लिया ।प्रतियोगिताओं में हम ने सामान्य स्तर दिखाया ।विश्व कप ने हमारे अभ्यास की गुणवत्ता की परीक्षा की है ।

विश्व गोताखोरी जगत में सब से श्रेष्ठ टीम के नाते तकनीकी क्षेत्र में चीनी खिलाडी अग्रसर रहते हैं और वे बहुत सख्त अभ्यास करते हैं ।लेकिन गोताखोरी की प्रतियोगिता में मजबूत मनोवैज्ञानिक गुणवत्ता की भी आवश्यकता है ।तीव्र प्रतियोगिताओं में खिलाडियों की मानसिक स्थिति में थोडा सा बदलाव आने से उन के खेल पर इस का बडा प्रभाव पडेगा ।खासकर बडी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अगर खिलाडी मानसिक रुप से स्थिर नहीं हैं ,तो उन का अंतिम परिणाम संतोषजनक नहीं होगा ।2008 ओलिंपिक पेइचिंग में आयोजित होगा ।मेज़बान टीम के नाते चीनी खिलाडियों को ज्यादा मानसिक दबाव का सामना करना पडेगा ।इस के प्रति शीतकालीन के अभ्यास में चीनी गोताखोरी टीम ने मनोवैज्ञानिक गुणवत्ता के अभ्यास पर ध्यान दिया है .चीनी गोताखोरी टीम की मैनेजर चो ची होंग ने बताया ,मनोवैज्ञानिक अभ्यास हर खिलाडी के लिए महत्वपूर्ण है ।क्योंकि प्रतियोगिता में अगर खिलाडी अपना तकनीकी स्तर सामान्य रूप से दिखाना चाहता है ,तो उस की मानसिक स्थिति भी स्थिर होनी चाहिए ।चाहे प्रतियोगिता में कोई भी परिणाम पैदा हो ,खिलाडी को अपने प्रदर्शन को अच्छी तरह नियंत्रित करना चाहिए ।मनोवैज्ञानिक अभ्यास में अधिक प्रतियोगिताओं में भाग लेना बहुत अहम है।अनेक प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी करने से खिलाडियों की मानसिक शक्ति मजबूत होती है ।इस के अलावा अभ्यास में कुछ मनोवौज्ञानिक सहायता की जरूरत भी है ।

शीतकाल के अभ्यास में चीनी गोताखोरी टीम ने एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की। प्रतियोगिता में 15 खिलाडियों से अपने अनुभवों के आधार पर पेइचिंग ओलिंपिक में अपने सपने पर भाषण देने की मांग की गयी ।इन खिलाडियों ने अच्छी तैयारी की ,फिर भी वे नर्वस हुए ।इस भाषण प्रतियोगिता की चर्चा करते हुए महिला 10 मीटर फ्लेटफार्म की खिलाडिन वांग शिन ने बताया ,कुछ समय पहले हमारी टीम ने भाषण प्रतियोगिता आयोजित की ।मुझे शायद गोताखोरी प्रतियोगिता से ज्यादा नर्वस लगा ।इस भाषण प्रतियोगिता का उद्देश्य नर्वसनेस की स्थिति में सामान्य रह कर इस का निपटारा करना है ।

श्रीमती चो ची होंग ने कहा कि भाषण प्रतियोगिता का आयोजन मनोवैज्ञानिक अभ्यास के लिए चीनी खोतागोरी टीम का एक तरीका है ,जिस से खिलाडियों की चतुर्मुखी कुशलता को बढाया जा सकता है ।इस के अलावा शीतकाल के अभ्यास के दौरान चीनी टीम के कोच निरंतर खिलाडियों की थकान की स्थिति की परीक्षा करते रहते हैं और अकसर खिलाडियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करते हैं । कोशिशों के बाद चीनी खिलाडियों को लगा है कि उन की मानसिक गुणवत्ता बढी है ।

19 से 24 फरवरी तक 16वीं विश्व कप गोताखोरी पेइचिंग में आयोजित हुई ।ओलिंपिक से पहले यह सब से महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है ।प्रतियोगिता में चीनी खिलाडी चन रो लिन ने दबाव का सामना करते हुए महिला डबल 10 मीटर प्लेटफार्म का खिताब जीता। मशहूर चीनी खिलाडी ह चों ने अपना प्रथम दस मीटर प्लैटफार्म विश्व खिताब जीता और चीनी खिलाडिन वू मिन शा ने महिला 3 मीटर स्प्रिंग बोर्ड का खिताब हासिल किया ।चीनी टीम के मैनेजर चो ची होंग ने कहा कि वे विश्व कप में चीनी खिलाडियों के प्रदर्शन पर संतुष्ट हैं। मनोवैज्ञानिक अभ्यास से अच्छा परिणाम मिला है ।चीनी टीम के कोच का समान विचार है कि स्पर्द्धा में चीनी खिलाडी अधिक शांत व ठंडे दिमाग से प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं ।इस का मतलब है कि चीनी टीम के खिलाडी अब तकनीकी व मनोवैज्ञानिक दृष्टि से बेहतर स्थिति में हैं ।