2008-03-11 10:45:33

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में परम्परागत संस्कृति का संरक्षण जोरों पर

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के अनुसंधानकर्ता श्री त्सेरिंग फुनत्सोक ने संकेत किया कि वर्तमान में वे एक परियोजना में लगे हुए हैं । यानी एक लोक कलाकार द्वारा प्रस्तुत《राजा कैसर》का संग्रहण किया जा रहा है । 85 वर्षीय यह तिब्बती लोक कलाकार ग्यारह वर्ष से इस महाकाव्य की प्रस्तुति कर रहे हैं । त्सरिंग फुनत्सोक ने जानकारी देते हुए कहा:

"अब तक कोई एक सौ से ज्यादा《राजा कैसर》की कहानियां प्रकाशित की गई हैं । लेकिन ये विभिन्न सब विभिन्न कलाकारों के गीतों के संग्रह हैं । अब तक किसी राजा कैसर की सारी कहानी प्रस्तुत नहीं की गई है। इस तरह हमें इस कमी को पूरा करना चाहिए । हर एक कलाकार के गायन को रिकार्ड कर बुनियादी तौर पर《राजा कैसर》की पूर्ण कहानी रिकार्ड करनी चाहिए ।"

हर वर्ष अगस्त माह में तिब्बती परम्परागत त्योहार श्वेतुन त्योहार मनाने के वक्त सरकार तिब्बती जातीय कला उत्सव का आयोजन करती है, ताकि परम्परागत कला के प्रसार के दायरे का विस्तार किया जा सके। इस प्रकार से महाकाव्य《राजा कैसर》का गायन प्रस्तुत करने वाले कलाकार सामने आते हैं, इन में बूढ़े कलाकारों के अलावा युवा कलाकार भी शामिल हैं ।

तिब्बती ऑपेरा एक मिश्रित कला माना जाता है, जिस में गायन, नृत्य और कथन के जरिए किसी महाकाव्य को सुनाया जाता है । ल्हासा के आसपास च्वेमूलोंग नामक स्थल के तिब्बती ऑपेरा का इतिहास कोई तीस सौ से ज्यादा वर्ष पुराना है । गत वर्ष इसे चीन में प्रथम खेप वाले गैर भौतिक सांस्कृतिक अवशेषों की नामसूचि में शामिल किया गया । तिब्बती जाति के महत्वपूर्ण त्योहारों में तिब्बती ऑपेरा की गिनती की जाती है । तिब्बत के पर्यटन उद्योग के तेज़ विकास के चलते तिब्बती ऑपेरा अपनी विशेषता से अनेक पर्यटकों को आकर्षित करता है ।

सुश्री छोंगदा एक तिब्बती ऑपेरा अभिनेत्री हैं, जो तिब्बती ऑपेरा को बहुत पसंद करती हैं । वर्ष 2001 में उन्होंने एक तिब्बती ऑपेरा प्रदर्शनी दल की स्थापना की। यह दल विशेष तौर पर तिब्बती ऑपेरा व परम्परागत तिब्बती नाचगान प्रस्तुत करता है । अपने प्रदर्शनी दल की जानकारी देते हुए सुश्री छोंगदा ने कहा:

"हमारे दल में सब से बड़ी उम्र वाले अभिनेता 80 वर्ष के हैं, जबकि सब से छोटी उम्र वाले अभिनेता 14 वर्ष के । गर्मियों में हम अपनी प्रस्तुति करते हैं और सर्दियों में घर वापस लौटते हैं । हम तिब्बती पंचांग के नए वर्ष में एक या दो बार प्रदर्शनी करते हैं । हर वर्ष की पहली अप्रेल को हम ल्हासा जाकर प्रस्तुति करते हैं ।"

तिब्बती ऑपेरा दल के बीस सदस्य ल्हासा के उपनगर के किसान हैं। छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद एक सांस्कृतिक कंपनी ने सुश्री छोंगदा के तिब्बती ऑपेरा दल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए । तिब्बती ऑपेरा दल ल्हासा में पर्यटकों के लिए ऑपेरा पेश करता है । इस से किसानों की आय और बढ़ी है ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री तङ श्याओकांग ने कहा कि इधर के वर्षों में केंद्र सरकार और तिब्बत की विभिन्न स्तरीय सरकारों ने तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में भारी मानव शक्ति व धन राशि लगाई है । तिब्बती संस्कृति की सुरक्षा करने के साथ-साथ इस का नया विकास भी हो रहा है । श्री तङ श्याओकांग का कहना है:

"हम तिब्बती जाति की विशेष संस्कृति को दिखाने और इस के पूर्ण विकास व पूर्ण संरक्षण के लिए प्रोत्साहन देने का काम करते हैं । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद हम ने सांस्कृतिक कार्य करने की दिशा में अनेक नए कदम उठाए हैं । हम पर्यटन उद्योग के आधार पर देशी विदेशी लोगों को तिब्बती संस्कृति से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं और संबंधित निर्माण भी कर रहे हैं ।"

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के अनुसंधानकर्ता श्री त्सेरिंग फुनत्सोक का विचार है कि छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से तिब्बत और बाह्य दुनिया के बीच का रास्ता और आसान हो गया है, जिस से तिब्बती संस्कृति के प्रसार के लिए सुअवसर मिला है । अनेक विलुप्त परम्परागत संस्कृति की खोज की गई है और संग्रहण किया गया है । (श्याओ थांग)

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