चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के प्रधान श्री ल्येई छ्वेई ने सात तारीख को पेइचिंग में कहा कि तथ्यों से साबित हुआ है कि जातीय क्षेत्रों की स्वशासन व्यवस्ता जातीय क्षेत्रों में जनता द्वारा प्रशासन का सब से अच्छा तरीका है।
श्री ल्येई छ्वेई ने देश विदेश के संवाददाताओं के साथ साक्षात्कार में कहा कि वर्ष 1965 के सितम्बर माह में तिब्बत स्वायत प्रदेश की स्थापना के बाद सामंती भूदास व्यवस्था को खत्म किया गया और जनता द्वारा प्रशासन की प्रमुख विशेषता वाली समाजवादी व्यवस्था लागू की जाने लगी। पिछले दसियों वर्षों में तिब्बत की जनता ने देश के कानून के अनुसार पूर्ण रूप से स्वशासन के अधिकार का उपभोग करती रहती है और समानता के साथ देश के मामलों तथा अपने क्षेत्र व जातीय मामलों के प्रबंधन में भागीदारी करती रहती है। तिब्बती जनता ने कानून और स्थानीय नियमावलियां बनाने, कानून के अनुसार लोकतांत्रिक निगरानी व लोकतांत्रिक चुनाव आदि तरीकों से जनता द्वारा प्रशासन करने के अधिकारों को ज्यादा से ज्यादा कानूनी गारंटी दी गयी है।
श्री ल्येई छ्वेई ने परिचय देते समय बताया कि स्थानीय नियमावलियों ने कारगर रूप से तिब्बती जनता के स्वयं प्रशासन के अधिकार को सुनिश्चित कर दिया है। वर्ष 1965 से तिब्बत स्वायत प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा तथा उस की स्थायी कमेटी ने 255 स्थानीय कानून कायदे बनाये हैं, जिन में राजनीति, अर्थतंत्र, संस्कृति और शिक्षा आदि विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं। (श्याओयांग)
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