11 वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का वार्षिक सम्मेलन पांच तारीख को पेइचिंग में धूमधाम के साथ उद्घाटित हुआ । चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने सम्मेलन में मौजूदा सरकार की ओर से सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की , जिस में पिछले पांच सालों के सरकारी कार्य का सारांश किया गया और चालू साल के कार्य के लिए ठोस सुझाव दे दिया गया । सरकारी कार्य रिपोर्ट में देश के महत्वपूर्ण मामलों के नीति उसूलों की भी व्याख्या की गयी है और ठोस व्यवहारिक कामयाबियों का खुलासा किया गया और मौजूद समस्याओं की चर्चा भी की गयी है । देश की नई समस्याओं व कठिनाइयों तथा जन हितों से जुड़े सवालों के विषय इस सरकारी कार्य रिपोर्ट की दो विशेषताएं मानी गयी है ।
प्रधान मंत्री वन चापाओ ने अपनी रिपोर्ट में पिछले पांच सालों के सरकारी कार्य का सिन्हावलोकन करते हुए इस पांच वर्ष को असाधारण पांच साल करार किया । अपनी रिपोर्ट में उन्हों ने बीते पांच सालों में प्राप्त भारी उपलब्धियों के उल्लेख से पहले इस साल के जनवरी माह में दक्षिण देश के 10 प्रांतों में आई अभूतपूर्व भारी बर्फबारी और मुसलाधार वर्षा की विपत्ति का मुकाबला करने के कठोर संघर्ष पर बल दिया और नए सत्र की सरकार के लिए विपत्ति के उपरांत पुनर्वास और पुनर्निर्माण के बारे में सुझाव पेश किए । उन्हों ने कहाः
हमें इस अभूतपूर्व भारी प्राकृतिक विपदा से सबक लेना और अनुभवों का निचोड़ निकालना चाहिए । बिजली , यातायात और दूर संचार जैसे बुनियादी संस्थापनों के निर्माण पर जोर लगा कर विपत्ति के मुकाबले तथा आपूर्ति की गारंटी क्षमता उन्नत किया जाना चाहिए । आपात निपटारा व्यवस्था व प्राणाली की स्थापना को मजबूत किया जाना चाहिए और आकस्मिक घटनाओं की रोकथाम व निपटारे की क्षमता उन्नत की जानी चाहिए ।
प्रधान मंत्री वन चापाओ ने अपनी रिपोर्ट में पिछले पांच सालों में चीन के आर्थिक व सामाजिक विकास में प्राप्त उपलब्धियों का सारांश कियाः देश के सकल आंतरिक उत्पादन मूल्य की औसत वृद्धि दर 10 .6 प्रतिशत बनी रही , गरीब जन संख्या में लगातार कटौती हुई , कृषि कर रद्द की गयी और वर्ष 2007 में चीन की आयात निर्यात रकम विश्व के तीसरे स्थान पर पहुंची , समानव अंतरिक्ष यान की उड़ान और प्रथम चांद सर्वेक्षण परियोजना की सफलता प्राप्त हुई , सभी देहाती क्षेत्रों में मुफ्त अनिवार्य शिक्षा लागू हुई तथा पांच सालों में शहरों व कस्बों में 5 करोड़ 10 लाख लोगों को रोजगारी दी गयी ।
इन विश्वध्यानाकर्षक उपलब्धियों की प्राप्ति के बारे में श्री वन चापाओ ने छै सूत्रीय मूल्यवान अनुभवों का खुलासा कियाः
चेतन विचार को मुक्त करने , वैज्ञानिक विकास की अवधारण पर अमल , सुधार व खुलेपन , बेहतर समग्र नियंत्रण , जनता की सेवा के लिए प्रशासन तथा कानून के मुताबिक प्रशासन चलाने पर कायम रहना लाजमी है ।
चीन में आई पूंजी निवेश में अति तेज वृद्धि , अन्तरराष्ट्रीय आय व्यय के असंतोलन , चीजों के दामों में तेज वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के दबाव के इजाफा जैसे समस्यों के बारे में श्री वन चापाओ की रिपोर्ट में ठंडे दिमाग से विश्लेषण किया गया है और सुझाव रखा गया कि इस साल स्थिर व स्वस्थ वित्तीय नीति और मुद्रा सिकुड़न नीति लागू की जाएगी। मौजूदा सरकार के कार्य काल में चीनी वित्त नीति स्थिर होने से सिकुड़ने की दिशा में बदली है । इस समग्र नियंत्रण कदम से चीन के आर्थिक विकास में पांच सालों तक स्थिर व तेज वृद्धि सुनिश्चित हुई और कोई भारी उतार चढ़ाव नहीं उत्पन्न हुआ ।
सरकारी कार्य रिपोर्ट में आर्थिक विकास के लिए दो लक्ष्य पेश किए गएः एक , ढांचागत श्रेष्ठीकरण , ऊर्जा खपत की कटौती और पर्यावरण का संरक्षण है और दूसरा , देश के जी डी पी की भावी वृद्धि दर 8 प्रतिशत पर रखी गयी है । इस के बारे में श्री वन चापाओ ने कहाः
देश के सकल आंतरिक उत्पादन मूल्य की वृद्धि दर मुख्यतः इस ख्याल से रखी गयी है कि देश विदेश के बहुत से तत्वों के मुद्देनजर आर्थिक विकास को अपेक्षाकृत तेज व स्थिर गति पर बनाये रखा जाए , विभिन्न क्षेत्रों की शक्तियों और कार्य के जोर को उत्पादन के तरीकों को बदलने पर रखा जाए , सुधार को गहरा किया जाए और सामाजिक निर्माण की गति तेज की जाए तथा अंधाधूंध और एकतरफा तौर की वृद्धि दर की खोज को रोका जाए , ताकि आर्थिक सामाजिक विकास बेहतर और तेज हो ।
चीन में इधर के कुछ समय में हुई चीजों के दामों में तेज बढ़ोतरी की समस्या पर श्री वन चापाओ ने अपनी रिपोर्ट में यह लक्ष्य रखा है कि आगे नागरिक उपभोक्ता मूल्य का आम स्तर 4.8 प्रतिशत तक सीमित की जाएगी । चीजों के दामों पर नियंत्रण के लिए रिपोर्ट में सरकार का संकल्प जाहिर हुआ हैः
चीजों के दामों के तेज इजाफे पर नियंत्रण करना इस साल के समग्र नियंत्रण का मुख्य कार्य है । कारगर आपूर्ति के विकास और अयुक्तिसंगत मांग पर नियंत्रण दोनों तरफ से प्रबल कदम उठाना चाहिए ।
श्री वन चापाओ ने यह सुझाव रखा है कि उत्पादन विकास पर जोर लगाया जाए , भंडारण व्यवस्था के निर्माण को तेज किया जाए और दामों के परिवर्तन पर निगरानी व चेतवानी पद्धति कायम कर समय पर कम आय वाले नागरिकों को भत्ता प्रदान करना चीजों के दामों में तेज वृद्धि की रोकथाम के ठोस कदम है ।
श्री वन चापाओ की रिपोर्ट में शिक्षा , रोजगार , रोग चिकित्सा , आवास , सामाजिक प्रतिभूति और आमदनी की वृद्धि अनेक जन जीवन से जुड़े सवालों पर कदम उठाने की चर्चा हुई है । जिन में ये शामिल हैः
इस साल केन्द्रीय वित्तीय संस्था शिक्षा पर पिछले साल से 90 अरब य्वान की राशि ज्यादा लगाएगी , 2006 में ग्रामीण क्षेत्र में मुफ्त अनिवार्य शिक्षा की सुविधा देने के बाद इस साल शहरों में मुफ्त अनिवार्य शिक्षा की सुविधा दी जाने लगेगी , शहरों व कस्बों में एक करोड़ नए रोजगार अवसर प्रदान किए जाएंगे और पंजीकृत बेरोजगार दर 4.5 प्रतिशत तक नियंत्रित की जाएगी और दवा पर नियंत्रण के लिए 83 अरब 20 करोड़ य्वान तथा सस्ते आवास के निर्माण के लिए 6 अरब 80 करोड़ य्वान प्रदान करेगी । श्री वन चापाओ ने कहाः
केवल आर्थिक विकास की उपलब्धियों का जन समुदाय में युक्तिसंगत बंटवारा किया जाएगा , तभी समाज में स्थिरता व सामंजस्य बनाए रखे जा सकते हैं ।
श्री वन चापाओ ने कहा कि एक अच्छी सरकारी कार्य रिपोर्ट जन हितों और उन की भागीदारी पर आधारित होना चाहिए । इस साल के सरकारी कार्य रिपोर्ट के लिए उन्हों ने पांच बार विभिन्न तबकों व व्यवसायों के लोगों से सलाह ली है , जिस में जन हितों को अधिक महतव देने की भावना अभिव्यक्त हुई है ।