2008-03-05 15:18:14

चीनी मशहूर  चित्रकार चो ता-ह्वांग और चो शान-ज्वो की कहानी

चीनी ललितकला-जगत में चो परिवार के दो भाई चो ता-ह्वांग और चो शान-ज्वो बहुत चर्चित हैं।वे दोनों अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार हैं।चित्र बनाने के उन के विशेष तरीके और उन के द्वारा निर्मित नयापन लिए हुए तैल-चित्र,मूर्तियां और लकड़ी-कटाई कृतियां ललितकला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही हैं।

चो परिवार में चो शान-ज्वो चो ता-ह्वांग का बड़ा भाई है।दोनों के स्वभाव भिन्न-भिन्न हैं।एक अंतर्मुखी है और एक खुले स्वभाव के ।दोनों की रूचियां भी भिन्न-भिन्न हैं।उन के प्रशासनिक सहायक श्री दारा के अनुसार चित्र बनाने के दौरान दोनों झगड़े तक भी पहुंच जाते हैं और कभी-कभी स्थिति यहां तक पहुंच जाती हैं कि उन में से किसी एक ने दूसरे के बनाए चित्र को कुछ नुकसान भी पहुंचाया है।श्री दारा ने कहाः

" मेरे विचार में चो ता-ह्वांग और उन के बड़े भाई चो शान-ज्वो एक दूसरे के पूरक हैं।दोनों की अपनी-अपनी प्रतिभा व विशेषज्ञता है और दोनों में एक दूसरे से सहयोग करने की जन्मजात शक्ति है।"

चो ता-ह्वांग और चो शान-ज्वो के बीच सहयोग के कोई 30 साल हो चुके हैं।उन की सभी कृतियां दोनों द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई हैं।विभिन्न स्वभाव के ये दोनो भाई इतनी सामंजस्यपूर्ण और सुन्दर कृतियां बना सके हैं,यह अपने आप में एक आश्चर्य है।उन दोनों के एक पुराने अच्छे दोस्त श्री जोहन क्लार्क का कहना हैः

"मैं समझता हूं कि कलात्मक सहयोग 30 साल इतने लम्बे समय तक चलना एक कीर्तिमान है।कलाकारों के लिए दूसरों की रायें और प्रभाव स्वीकार करना मुश्किल है।चो परिवार के दोनों भाइयों के बीच दीर्धकालिक सहयोग असाधारण आपसी समझ व भाईचारे पर आधारित है।"

दोनों भाई कहते हैं कि हर कोई सामंजस्यपूर्ण माहौल में सृजन करना चाहता है,लेकिन कला में मतभेद उत्पन्न होना स्वाभाविक बात है।मतभेद सकारात्मक परिणाम भी ला सकता है।स्वभाव की विभिन्नता और मतभेदों में समंवय बिठाने का सही तरीका सृजन के प्रति अच्छे से अच्छा करने का रवैया अपनाना ही है।

दोनों भाइयों की कलात्मक कृतियां पश्चिमी संग्रहकर्ताओं की भी चहेती बनी हैं।यूरोप में उन की कोई भी कृति औसतन 300 अमरीकी डालर में बिकती है।वहां के मीडिया ने कहा कि वे दोनों विश्व के चोटी वाले कलाकारों की पंक्ति में खडे हो गए हैं।लेकिन उन से अपरिचित कुछ लोगों ने कहा कि वे धन-दौलत और शोहरत के लिए लालयित हैं।क्या यह सही है?

चो शान-ज्वो के अनुसार वास्तव में ये कामयाबियां उन दोनों की अपेक्षा के परे हैं अर्थात उन्हों ने अप्रत्याशित रूप से ये कामयाबियां हासिल की हैं।उन्हों ने कहाः

"हम दोनो सरल इंसान हैं।जटिल बात सोचना हमारे स्वभाव के विरुद्ध है।हकीकत यह है कि हमारे साथ जो हुआ है, वह स्वाभाविक रूप से हुआ है।हम दोनों बिजनेस-संचालन को बहुत कम जानते हैं।कलात्मक आकर्षण हमारे लिए सर्वोपरि है।विश्व के बहुत से देशों के कलाप्रिय संग्रहकर्ता यों ही हमारी कृतियों की ओर आकर्षित हो गए ।सो जो हुआ,वह खुद हम ने भी कभी नहीं सोचा था।"

पश्चिम में बहुत सी बड़ी कंपनियों के मालिकों के पास चो परिवार के दोनों भाइयों के बनाए चित्र संग्रहित हैं।अनेक जाने-माने राजनीतिज्ञ और कलाकार भी उन की कृतियों के दीवाने हैं।हॉलीवुड के सर्वोत्तम फिल्म स्टार मार्लोन ब्रान्डो ने अपने जन्मदिवस पर आयोजित एक भव्य भोज में अतिथियों को उन की कृतियां दिखाई थीं।सन् 1994 में उन दोनों ने अपने नाम पर एक कोष स्थापित किया,ताकि अमरीका आने वाले नए चित्रकारों और कवियों जैसे कलाकारों को कार्यालय बनाने और व्यावसायिक संपर्क साधने में मदद दी जा सके।

इस समय चो परिवार के दोनों भाइयों के पास न केवल एक निजी कला-केंद्र है,बल्कि एक निजी मूर्ति-उद्यान भी है।श्री चो शान-ज्वो ने कहाः

"इधर के वर्षों में हमारा कोष बहुत बढ़ गया है। इस कोष का मुख्य भवन कोई 9000 वर्गमीटर है।कोष के परिसर में बड़े प्रदर्शनी-कक्ष और कलात्मक गतिविधियों के लिए अन्य कई विशेष स्थल भी हैं।यह कोष वास्तव में कलात्मक आदान-प्रदान में एक विशाल मंच की भूमिका अदा कर रहा है।हमारा मूर्ति-उद्यान भी विश्व के विभिन्न देशों से आए ललितकारों, कवियों,

फिल्म निर्दशकों,अभिनेताओं व अभिनेत्रियों आदि कलाकारों के इकठ्ठे होने का स्थल भी है,जिस में जो आयोजन हुए हैं,वे कला व संस्कृति से जुड़े मुख्य समाचार बन गए हैं।"