2008-03-04 17:28:14

थाइवानी स्वाधीनता को रोकना और थाइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में शांति की रक्षा करना दोनों तटों के देशबंधुओं का सर्वोपरि कार्य है

चीन की 11वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रथम अधिवेशन के प्रवक्ता श्री च्यांग एन जू ने 4 तारीख को पेइचिंग में कहा कि अब चीन के मुख्य भूमि और थाइवान के बीच संबंधों का विकास महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहा है । थाइवानी स्वाधीनता का डटकर विरोध करना और थाइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में शांति की रक्षा करना दोनों तटों के देशबंधुओं का सर्वोपरि काम है ।

श्री च्यांग एन जू ने कहा कि चेन श्वेइ प्यान अधिकारियों का संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता शीर्षक जनमत-ग्रहण करना थाइवान की वैधानिक स्वाधीनता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है । वह दूसरे रूप की थाइवानी स्वाधीनता है । इन की साजिश साकार होने से दोनों तटों के संबंधों पर भारी कुप्रभाव पड़ेगा , और थाइवान जलडमरूमध्य तथा एशिया व प्रशांत क्षेत्रों की शांति व सुस्थिरता को खतरे में डाला जाएगा ।

उन्हों ने जोर देकर कहा कि चीन की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता अक्षुण्ण है । इससे जुड़े किसी भी सवाल का समाधान थाइवानी देशबंधुओं समेत तमाम एक अरब 30 करोड़ चीनी जनता द्वारा किया जाएगा । हम पूरी ईमानदारी और कोशिशों से दोनों तटों के बीच संबंधों के शांतिपूर्ण विकास कायम करना चाहते हैं , और दोनों तटों के शांतिपूर्ण पुनरेकीकरण के लिए सर्वाधिक कोशिश करना चाहते हैं। लेकिन साथ ही हम पूरी तैयारियां कर थाइवानी स्वाधीनता की खतरनाक कार्यवाहियों का डट कर विरोध करेंगे , और किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी नाम या रूप से थाइवान को चीन से विभाजित करने की इजाजत हर्गिज़ नहीं देंगे ।

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