तिब्बती जलवायु विभाग के विश्लेषण के अनुसार विश्व मौसम के गरम होने के कारण तिब्बती पठार पर तापमान की वृद्धि दर पूरे देश और विश्व से अधिक रही है । विश्व मौसम के गरम होने के साथ-साथ तिब्बत में भी सूखा , बर्फबारी , बाढ़ , घासमैदान व पैदावारों के विरूद्ध कीड़े-मकौड़ों आदि की विपदा पैदा होती रही है ।
पता चला है कि चीन सरकार 'तिब्बती पठार पर पारिस्थितिकी सुरक्षा प्रतिरक्षा'नामक योजना में दस अरब य्वान की पूंजी लगाएगी , जिस का कार्यांवयन वर्ष 2006 से 2020 तक किया जाएगा। इसे तिब्बत के इतिहास में सब से भारी प्राकृतिक वातावरण संरक्षण मुद्दा माना जाएगा ।