2008-02-25 18:36:56

चार तिब्बती भिक्षुओं को वर्ष 2008 तिब्बती बौद्ध धर्म की लारामपा गेश की उपाधि मिली

वर्ष 2008 तिब्बती बौद्ध धर्म के लारामपा गेश की डिगरी की परीक्षा 24 तारीख को तिब्बत के जुला खाग मठ में आयोजित हुई । तिब्बत के द्रेपांग मंदिर , सेरा मंदिर और गानडेन मंदिर के कुल चार भिक्षुओं ने लारामपा गेश की डिगरी प्राप्त कर ली ।

लारामपा गेश तिब्बती बौद्ध धर्म के डगे-लूग्स-पा संप्रदाय के भिक्षुओं के लिए सर्वोच्च उपाधि है , जो आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में डॉक्टर की उपाधि के बराबर है । तिब्बती बौद्ध धर्म का हरेक भिक्षु इसे पाना अपना सर्वोच्च लक्ष्य मानता है ।

चीनी बौद्ध धर्म संघ की तिब्बती शाखा के प्रधान , जीवित बुद्ध थूप्डेन केडूप ने वर्ष 2008 तिब्बती बौद्ध धर्म के लारामपा गेश की उपाधि का गौरव प्राप्त चार भिक्षुओं को बधाई संदेश भेजा , उन्हें हाता अर्पित किया और लारामपा गेश का प्रमाण-पत्र दिया ।

पता चला है कि वर्ष 2005 में तिब्बती बौद्ध धर्म की लारामपा गेश परीक्षा प्रणाली की बहाली हुई , तबसे 22 भिक्षुओं को यह गौरव प्राप्त हो चुका है ।