माओ त्से-तुंग विचारधारा माओ त्से-तुंग को अपना प्रतिनिधि मानने वाले चीनी कम्युनिस्टों द्वारा मार्क्सवाद व लेनिनवाद के बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार चीनी क्रांति व निर्माण-कार्य में अर्जित हुए विशेष व समृद्ध अनुभवों का सैद्धांतिक अनुसंधान करके बनाई गई एक वैज्ञानिक व सैद्धांतिक व्यवस्था है,जो चीन की वस्तुस्थिति से मेल खाती है।
माओ त्से-तुंग विचारधारा मार्क्सवाद व लेनिनवाद के आम सिद्धांतों और चीनी क्रांति के ठोस व्यवहार के एक दूसरे से जुड़ने की उपज है और मार्क्सवाद व लेनिनवाद का चीन में प्रयोग व विकास है।व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि माओ त्से-तुंग विचाराधारा चीनी क्रांति के सही सिद्धांतों व अनुभवों का निचोड़ है और चीनी कम्युनिस्ट समूह की बुद्धि का परिणाम भी है।
माओ त्से-तुंग विचारधारा की जीवित आत्मा चीनी क्रांति व निर्माण-कार्य से जुड़े रूख,दृष्टिकोण और उपाय हैं,जिन के तीन बुनियादी पहलू हैं: तथ्यों के आधार पर सही खोज करना,जनता से घनिष्ठ संबंध रखना और स्वतंत्रता व आत्मनिर्णय करना। तथ्यों के आधार पर सही खोज करना माओ त्से-तुंग विचारधारा का केंद्र है और चीनी कम्युनिस्टों का वैचारिक रास्ता भी है।
माओ त्से-तुंग का जन्म सन् 1893 में हुआ था और निधन वर्ष 1976 में।वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे और चीन लोक गणराज्य की पहली पीढ़ी के नेतृत्वकारी समूह के नेता थे।