वैज्ञानिक विकास का दृष्टिकोण मानव को मूल तत्व मानकर बहिर्मुखी,समंवयपूर्ण और अनवरत विकास का दृष्टिकोण है।यह दृष्ठिकोण सन् 2003 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 16वीं राष्ट्रीय काँग्रस के तीसरे पूर्णाधिवेशन में प्रस्तुत किया गया है।
इस दृष्टिकोण के अतर्गत मानव को मूल तत्व मानने का मतलब है जनता के हितों को कोई भी काम करने का कारण व लक्ष्य बनाना,लोगों की बढती जरूरतों को पूरा करना और मानव के पू्र्ण विकास को बढाना।
बहिर्मुखी विकास का मतलब है समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था को परिपूर्ण बनाने और अर्थतंत्र के तेज,सतत व स्वस्थ विकास को बनाए रखने के साथ-साथ आध्यात्मिक व भौतिक सभ्यता के निर्माण में तेजी लाना।
समंवयपूर्ण विकास का अर्थ है शहरों व गांवो के बीच,क्षेत्रों के बीच,अर्थतंत्र व समाज के बीच,राष्ट्रीय निर्माण व खुलेपन के बीच समंवयपूर्ण विकास करना।
अनवरत विकास का मतलब है मानव व प्रकृति के बीच संबंधो में समंव्य बिठाना,आर्थिक निर्माण,जनसंख्या में वृद्धि और संसाधनों के प्रयोग व पारिस्थितिकी संरक्षण के बीच संबंधो का समुचित निबटान करना तथा पूरे समाज को इस राह पर ले जाना,जिस से उत्पादन विकसित हो सके,जीवन समृद्ध हो सके और पारिस्थितिकी सुरक्षित हो सके।
वैज्ञानिक विकास का दृष्टिकोण चीनी क्म्युनिस्ट पार्टी द्वारा नई शताब्दी के नए दौर में देश के विकास की समग्र स्थिति से प्रस्थान कर प्रस्तुत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक विचार है।