वर्ष 2005 के अप्रैल माह में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने जकार्ता में आयोजित एशिया-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि एशिया व अफ्रीका के देशों को विभिन्न सभ्यताओं के मैत्रीपूर्ण सहअस्तित्व , समान वार्तालाप, विकास व समृद्धि को आगे बढ़ाना चाहिए और एक साथ एक सामन्जस्यपू्रण दुनिया का निर्माण करना चाहिए।
उसी वर्ष के जुलाई माह में श्री हू चिन थाओ ने रूस की यात्रा की। सामन्जस्यपूर्ण दुनिया चीन व रूस द्वारा 21वीं शताब्दी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के संयुक्त वक्तव्य में भी शामिल थी। सामन्जस्यपू्र्ण दुनिया प्रथम बार देश व देश के बीच सहमति बनी। उसी वर्ष के सितम्बर माह में श्री हू चिन थाओ ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में भाषण देते समय चतुर्मुखी रूप से सामन्जस्यपूर्ण दुनिया की विचारधारा पर प्रकाश डाला।