थंग छुंग के अपने अलग ढंग के रमणीय प्राकृतिक सौदर्य को छोड़कर पुरानी सांस्कृतिक परम्पराएं भी बहुत दर्शनीय हैं । इधर सालों में थंग छुंग कांऊटी शहर के पश्चिम स्थित हो शुन प्राचीन कस्बा पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन गया है । 2005 में हो शुन प्राचीन कस्बा चीन के दस प्रसिद्ध मनमोहक कस्बों की नामसूची में शामिल किया गया है , आज अधिकाधित देशी विदेशी पर्यटक इसी प्राचीन कस्बे का दौरा करने आते हैं ।
मिंग राजवंश काल में हो शुन प्राचीन कस्बा थंग छुंग कांऊटी के प्रमुख यातायात मार्ग पर अवस्थित था । पिछले कई सौ सालों में बहुत से हो शुन वासी व्यापार करने के लिये विदेश जाते थे और कुछ लोग समय रहते रहते वहां भी बस गये , फिर वे वहां मालामाल होकर जन्मभूमि वापस लौट आये । वापसी के बाद उन्हों ने अपनी कमाई से चीनी व विदेशी वास्तु शैलियों से युक्त मकान बनवाये । आज इस प्राचीन कस्बे में बहुत से कई सौ वर्ष पुराने मकान देखने को मिलते हैं , चीनी व विदेशी वास्तु शैलियों में निर्मित कुछ मकान पर्वत के सहारे बहुत शानदार दिखाई देते हैं और अन्य कुछ शुद्ध चीनी वास्तु शैली युक्त मकान छायादार पेड़ों के बीच नजर आते हैं । जबकि पर्वत की तलहटी में खेतों की सिंचाई के लिये विशेष तौर विशाल तालाब निर्मित हुआ है ।
पश्चिम युन्नान पठार पर प्रवासी चीनियों की जन्मभूमि के नाम से मशहूर हो शुन का पुस्कालय चीन में भी बहुत विख्यात है , यह पुस्तकाल चीनी ग्रामीण सांस्कृतिक जगत में अपनी विशेष पहचान बनाता है । इस पुस्तकालय में बहुत सी प्राचीन मूल्यवाल रचनाएं सुरक्षित हैं , यहीं नहीं , यहां पर चीन के असाधारण दर्शन शात्र आई सी ची , प्रसिद्ध शिक्षक छुन शू शंग और म्येमार के चार राजवंशों के प्रधान मंत्रियों समेत बहुत महान हस्तियों का जन्म भी हुआ ।
हो शुन एक असाधारण पवित्र जगह कहने लायक है , हरेक हो शुन वासी अपनी जन्मभूति पर बहुत गर्व महसूस करता है और अपना योगदान करने में संलग्न भी है । बुजुर्ग महिला वांग थ्येन युन ने एक घरेलु होटल खोला , हर रोज वह विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों का सत्कार करती है । अपनी जन्मभूमि की चर्चा में उस ने कहा कि हमारा हो शुन शहर कोई 600 वर्ष पुराना है , हो शुन वासी अपनी जन्मभूमि व जनता से प्यार करते आये हैं । हो शुन को मनमोहक शहर से सम्मानित किये जाने पर हम बेहद प्रसन्न हैं । यहां के बहुत से वासी व्यापार के लिये विदेश गये , पर्याप्त पैसे कमाने के बाद जन्मभूमि वापस लौट आये , अब उन्हों ने अपनी धन दौलत से पर्यटन कार्य को बढ़ाने के लिये शानदार पक्के मकान बना दिये हैं । इस तरह हमारे जीवन में भी सुधार आया है । यदि हमारे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं होता , तो आज का इतना सुखद जीवन भी नहीं मिलता ।
इधर सालों में हो शुन कांऊटी में पर्यटन साधन का विकास किये जाने से हो शुन प्राचीन कस्बे में नया निखार आया है , साथ ही हो शुन वासियों का जीवन भी दिन ब दिन सुधर हो गया है । पर्यटन कार्य के विकास के चलते हो शुन प्राचीन कस्बे में घरेलु होटल भी बढ़ते गये हैं , जिस से स्थानीय वासियों को साल में दो तीन हजार य्वान की आय भी मिल गयी है । थंग छुंग कांऊटी के प्रधान चांग वी च्येन ने कहा कि थंग छुंग कांऊटी में हो शुन प्राचीन कस्बे समेत बहुत से ऐतिहासित व सांस्कृतिक अवशेष हैं , पर्यटन साधनों की भरमार होती है । भविष्य में कांऊटी स्थानीय आर्थिक निर्माण बढाने के लिये पर्यटन व सेवा कार्यों के विकास पर जोर देगी ।
उन का कहना है कि हमारे थंग छुंग में पर्यटन साधन अपनी विशेष पहचान बना लेते हैं । हम अपने शहर को व्यापार , पर्यटन , संस्कृति व प्रवासी चीनी जन्मभूमि व पार्ट का रूप देगा ।