दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ दक्षिण पश्चिम चीन स्थित युन्नान प्रांत की थंग छुंग कांऊटी के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ लेने जा रहे हैं ।
पश्चिम युन्नान प्रांत में अवस्थित सीमावर्ती छोटा शहर थंग छुंग पहाड़ों से घिरा हुआ है और वह भारत , पाकिस्तान व म्यांमार जैसे दक्षिणी व दक्षिण पूर्वी देशों तक पहुंचने का प्रमुख व्यापार पोर्ट भी है । हजार साल पहले के सुंग व य्वान राजवंश कालों में इस स्थल में मूल्यवान पत्थरों व विविधतापूर्ण जेटों को खूब बेचा जाता था , फिर 19 वीं शताब्दी के मध्य काल से 20 वीं शताब्दी के शुरु तक व्यापारियों ने विभिन्न क्षेत्रों से यहां एकत्रित होकर कारखानों और दुकानों को स्थापित कर दिया , इस से थंग छुंग युन्नान प्रांत के औद्योगिक व वाणिज्य उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गया । इस के साथ ही थंगछुंग के स्थानीय व्यापारी धीरे धीरे विदेश में जाकर व्यापार करते थे और कुछ व्यापारी विदेश में भी बस गये । अतः अब यहां के प्रवासी चीनी दक्षिण पूर्व एशिया , जापान , अमरीका और कनाडा जैसे बीस से अधिक देशों व क्षेत्रों में बसे हुए हैं। इस के अतिरिक्त थंगछुंग क्षेत्र में ज्वालामुखी समूह और दर्लभ गर्म चश्मा भी बहुत आकर्षित हैं ।
थंगछुंग का गर्म समुद्र एक बेमिसाल रमणीय पर्यटन स्थल है , यहां पर बिखरे हुए दस से अधित गर्म चश्मे हरे भरे पर्वतों के बीच झांकते हैं । गर्म समुद्र चश्मा समूह में सब से बड़ा चश्मा उबले हुए बर्तन के नाम से बहुत चर्चित है । यह गर्म चश्मा सौ मीटर ऊंचे पर्वत की घाटी में स्थित है , चश्मा तालाब का क्षेत्रफल दस वर्गमीटर से बड़ा है और तालाब 1.5 मीटर गहरा है , तालाब में गर्म पानी का अधिक तापमान 98 सेल्सियस डिग्री के ऊपर है , जबकि तालाब के नीचे पानी का तापमान 102 सेल्सियस डिग्री तक पहुंच जाता है । यह चश्मा गर्म समुद्र चश्मा समूह में सब से बड़ा माना जाता है । मजे की बात यह है कि इस गर्म चश्मे के आस पास भू स्थल का तापमान इतना ऊंचा है कि यदि स्थानीय वासी अंडे को जमीन के नीचे दफनाता है , तो फिर कुछ समय के बाद अंडा पक्का हो जाता है । इस गर्म चश्मे के नाम के बारे में गाइड सुश्री इन ने परिचय देते हुए कहा कि कहा जाता है कि बहुत पहले एक बछड़ा असावधान से पर्वत की ढलान से इस गर्म चश्मे में गिर पड़ा , पर सिर्फ कोई चार पांच मिनट में ही बछड़ा एकदम गर्म पानी में पिखल गया , जो रह गयी हैं केवल बछड़े की हड्डियां । तब से स्थानीय लोग इस गर्म चश्मे को उबला हुआ बर्तन कहने लगे ।
इस उबला हुआ बर्तन नामक चश्मे के अतिरिक्त गर्म समुद्र चश्मा समूह में और बहुत नाना प्रकार वाले चश्मे भी पाये जाते हैं । प्रसिद्ध चीनी प्राचीन यात्री श्वी शा को ने अपने यात्रा विवरण में यहां के मोती चश्मे , मेढक चश्मे और सुंदरी चश्मे समेत बहुत से छोटे बड़े चश्मों का वर्णन किया । उबला हुआ बर्तन गर्म चश्मे के पास गर्भ कुए नामक झरना भी बहुत विख्य़ात है , इस झरने का तापमान 88 सेल्सियस डिग्री है । इस चश्मे का दूसरा नाम है ड्रेगन व पक्षी रानी डबल कुआं । इस गर्म झरने के बारे में स्थानीय वासियों के बीच अभी भी एक बहुत सुंदर किम्वदंती प्रचलित है ।
हमारी गाइड कुमारी इन ने कहा कि बहुत पहले यहां पर एक जमींदार परिवार रहता था , जमींदार का एक इकलोता बेटा था । उस के बेटे ने एक बहुत खूब सूरत व विनम्र ताई जातीय लड़की के साथ शादी की । शादी के कई साल बाद इस युवा दंपति की कोई संतान नहीं थी , इसलिये सास ससुर उन के साथ बहुत बुरा व्यवहार करते थे । मजबूर होकर वे दोनों साथ मिलकर हर रोज गर्म समुद्र चश्मा समूह की पूजा करने आते थे और गर्म चश्मे का पानी पीते थे , समय रहते रहते उस की पत्नी गर्भवती हो गयी । इसीलिये यह गर्म चश्मा गर्भ कुएं के नाम से नामी हो गया है ।
खैर किम्वदंती तो किम्वदंती ही है , उस का कोई आधार नहीं है । पर गर्म चश्मा तो सचमुच शारीरिक स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद ही नहीं , हड्डी सूजन ,कलवा जैसे रोगों के इलाज के लिये काफी असरदार है । अतः प्रतिदिन बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटक थंग छुंग के दौरे पर आते हैं ।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े ।