दोस्तो , इस समय पूरे चीन में परंपरागत वसंतोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। चीनी पंचांग के अनुसार यह त्यौहार चीन में नए साल की शुरुआत की घोषणा करता है। शायद आप जानते हों कि चीन में 12 पशुओं को वर्ष-प्रतीक माना जाता है। इस तरह 12 वर्षों के चक्र को 12 पशुओं द्वारा विभाजित किया गया है। यह वर्ष चुहा वर्ष है।
चीन के 12 वर्ष-प्रतीक हैं- चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकरा, बंदर, मुर्गा, श्वान और सुअर। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार पशुओं को प्रतीक मान कर वर्षों को विभाजित करने का तरीका प्राचीन चीन की मुख्य जाति हान और कुछ अल्पसंख्यक जातियों के वर्षों की गणना के तरीकों का संगम है। यह कथा भी प्रचलित है कि यह तरीका भारत से चीन आया। तो आइए हम आप को यह देखने ले चलते हैं कि चीनी लोग इस सब से महत्वपूर्ण त्यौहार की खुशियां कैसे मनाते हैं ।
आज के चीन के भ्रमम कार्यक्रम में हम आप को चीन के सब से महत्वपूर्ण वसंत त्यौहार के बारे में बताने जा रहे हैं। आप को मालूम ही होगा कि क्रिस्मस पर्व पश्चिम के लोगों के लिए कितना अहम है, तो यहां बता दें कि वसंत त्यौहार चीनियों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। चीनी लोग इस त्यौहार की खुशियां बड़े धूमधाम से मनाते हैं। हालांकि युग बदलने के साथ वसंत त्यौहार के रूप में भी बदलाव आया है, पर इस त्यौहार को मनाने के तौर-तरीके अब भी बरकरार हैं और चीनी लोगों के मन में वसंत त्यौहार को विशेष स्थान हासिल है। इस वर्ष चीन का यह परम्परागत त्यौहार सात फरवरी यानी चीनी पंचाग के अनुसार नव वर्ष के प्रथम महीने के प्रथम दिन को पड़ रहा है।
कहा जाता है कि चीन के वसंत त्यौहार का इतिहास चार हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। शुरू में इस का नाम वसंत त्यौहार नहीं था और इसे मनाने की कोई निश्चित तिथि भी नहीं थी। ईसा पूर्व दो हजार साल पहले लोग वृहस्पति की एक परिक्रमा के समय को एक साल मानते थे और वसंत त्यौहार को नया साल कहते थे। पर ईसा पूर्व एक हजार में लोगों ने जिस साल को वसंत त्यौहार की संज्ञा देनी शुरू की, उस साल का अर्थ शानदार फसल से था।
हजारों वर्षों तक चीनियों के बीच जो रीति प्रचलित रही , उसमें आम तौर पर चीनी पंचांग के बारहवें माह की 23 तारीख से पहले माह की 15 तारीख तक वसंत त्यौहार की खुशियां मनायी जाती रही हैं। इस तरह करीब तीन हफ्ते का यह आयोजन वसंत त्यौहार की पूर्ववेला यानी पुराने साल के अंतिम दिन की रात और पहले साल की पहले दिन तक धूमधाम से मनाया जाता रहा है। चीन के विभिन्न स्थानों में वसंत त्यौहार की खुशियां मनाने की परम्परा भी अलग-अलग है, पर चीनी पंचांग के अनुसार यह निश्चित है कि साल की अंतिम रात सभी परिजन इकट्ठे होकर भोजन और मनोरंजन करें। दक्षिणी चीन में इस दिन के शानदार भोज में सोयाबीन का पनीर और मछली होना जरूरी माना जाता है, क्योंकि चीनी भाषा में पनीर व मछली के उच्चारण से खुशहाली का अर्थ निकलता है यानी यह कामना कि नव वर्ष में जीवन और खुशहाल हो। उत्तरी चीन के लोग इस रात के विशेष भोज में च्याओ च नामक पकवान खाना जरूरी समझते हैं। इधर के सालों में जीवन स्तर उन्नत होने के चलते बहुत से शहरी लोग घर में ऐसा शानदार भोज तैयार करने के बजाय रेस्त्रां जाने लगे हैं। यों अधिकांश चीनी अपने हाथों से स्वादिष्ट खाना तैयार करना ज्यादा पसंद करते हैं और इस तरह वसंत त्यौहार का मजा लेते हैं। वसंत त्यौहार पर चीनी लोगों के बीच लसदार चावल से विशेष खाद्य बनाने की परम्परा भी रही है। यह जन जीवन स्तर के साल ब साल उन्नत होने और परिवारों के सुखी जीवन बिताने का प्रतीक है।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा , कृपा इसे पढ़े ।