2008-01-31 10:20:15

चीनी मूर्तिकलाकार श्री य्वान शी-खुन की कहनी

दोस्तो,आप शायद जानते ही हैं कि ऑलंम्पिक खेलों के लगभग सभी आयोजक शहरों में ऑलंम्पिक से जुडी कुछ न कुछ मूर्तियां विरासत के रूप में सुरक्षित रह गयी हैं।29वां विश्व ऑलंम्पियाड वर्ष 2008 में पेइचिंग में आयोजित होगा। इस के स्वागत में पेइचिंग भी सिलसिलेवार कलात्मक मूर्तियां बनवाने में लगा है। इस कार्य को पूरा करने के लिए एक विशेष दल भी गठित किया गया है। श्री य्वान शी-खुन इस कार्यदल के प्रमुख हैं।

श्री य्वान शी-खुन चीन में एक मशहूर चित्रकार और मूर्तिकार हैं। एक चित्रकार के रूप में उन्हें चित्रकला के राजनयिक दूत की संज्ञा दी गयी है। उन्होंने 125 देशों के शासनाध्यक्षों, राजाध्यक्षों और अनेक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं के व्यक्तिगत चित्र बनाए हैं। इन हस्तियों में संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान,अंतर्राष्ट्रीय ऑलंम्पिक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सामारांच,दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति मंडेला,रूस के पूर्व राष्ट्रपति येल्स्तिन,मलेशिया के पूर्व प्रधान मंत्री महाधीर और अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री किसिंजर आदि शामिल हैं। एक मूर्तिकार के रूप में श्री व्यान शी-खुन ने निमंत्रण पर विश्व के 50 से अधिक जाने-माने ऐतिहासिक व्यक्तियों की मूर्तियां भी बनायी हैं। उन की सभी कृतियों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है और खुद उन्हें दसियों देशों के सर्वोच्च पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। कुछ समय पहले पोलैंड और रूस ने क्रमश: उन्हें पोलिश सांस्कृतिक पुण्यवत्ता पुरस्कार और रूसी ललितकला प्रतिष्ठान के अकादमिशन का प्रमाण-पत्र प्रदान दिया।

श्री व्यान ने हमारे संवाददाता से कहा कि सन् 1991 में उन्हों ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिज्ञों के लिए चित्र बनाना और ऐतिहासिक हस्तियों की मूर्तियां बनाना शुरू किया था। उन की सभी कृतियां कलात्मक उत्साह से भरी हुई हैं। उन्हें आशा है कि ये कृतियां न केवल लोगों को सौदर्य बौध बल्कि संबंधी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का ज्ञान देने में भी सक्षम हैं। उन का कहना है :

"मैंने अनेक बार छाओयांग पार्क में वहां प्रदर्शित मेरे द्वारा बनाई गयी ऐतिहासिक हस्तियों की मूर्तियों के सामने बहुत से बच्चों को अपने अध्यापकों से इन हस्तियों की कहानियां सुनते हुए देखा है ।मेरे विचार में ये मूर्तियां शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। ये मूर्तियां हमारे भावी पृथ्वी-गांव में सामंजस्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। "

छाओयांग पार्क पेइचिंग के पूर्वी उपनगर के चहल-पहल वाले क्षेत्र में स्थित है,जिस में आधुनिक तकनीकों से लैस तरह-तरह की सांस्कृतिक व मनोरंजक सुविधाएं मिलती हैं। श्री व्यान शी-खुन इस पार्क में स्थित चिन-थाई नामक एक कला भवन की देखरेख का कार्य संभालते हैं। यह कला-भवन वास्तव में चीन का सब से बड़ा गैरसरकारी संग्रहालय है,जो सुव्यवस्थित रूप से ख़ड़े पांच पिरामिडाकार भवनों से बना है। उस के आसपास स्वच्छ पानी की झील, हरे-भरे पेड़-पौधे, और खिले हुए रंगबिरंगे फूल और आधुनिक भवन मानों एक दूसरे की शोभा बढा रहे हैं। श्री य्वान की बहुत से कृतियां इस पार्क में प्रदर्शित हैं। उन के अनुसार उन्हों ने गहरे सोच-विचार के बाद इस पार्क में यह संग्रहालय खोलने का फैसला किया था। उन का मानना है कि कलाकारों को चहल-पहल वाले व्यापारिक क्षेत्रों के सांस्कृतिक निर्माण में भी योगदान करना चाहिए। उन्हों ने कहा:

"हमारे यहां गीत नृत्य-गृहों और बियर-बारों की कमी नहीं हैं, लेकिन मेरी राय में समाज को सामंजस्यपूर्ण और संतुलित बनाने के लिए उच्च स्तर की पवित्र कला की भी जरूरत है। छाओयांग पार्क एक खुला व्यापारिक क्षेत्र तो है,पर इस में पवित्र कलात्मक माहौल होना अनावश्यक नहीं है। "

श्री य्वान शी-खुन का जन्म पिछली शताब्दी के 40 वाले दशक में हुआ था। उन के पिता भी चीन में एक सुप्रसिद्ध चित्रकार थे। युवावस्था में य्वान शी-खुन दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में ललितकला का काम करते थे। वे लगभग प्रतिदिन मनुष्यों के चित्र बनाते थे और अवकाश के समय भी निमंत्रण पर लोगों के लिए व्यक्तिगत चित्र बनाते थे। इस तरह उन्हों ने मानव-चित्र बनाने में समृद्ध अनुभव अर्जित किए। इस समय उन्हें चीन में मानव-चित्र बनाने का राजा कहकर पुकारा जाता है। वह पहली ही मुलाकात में किसी व्यक्ति के रंगरूप की विशेषता अपने मन में उतार सकते हैं और तुरंत ही इस विशेषता को उभारते हुए बड़ी खूबसूरती से चित्र बना सकते हैं।