इस दक्षिण लो कू कालोनी में एक मिट्टी बर्तन दुकान भी बहुत चर्चित है । इस दुकान में जो विविधतापूर्ण मिट्टी बर्तन बेचे जाते हैं , वे सब के सब हाथों से तैयार कलात्मक कृतियां ही हैं । इस दुकान की कर्मचारी जोआंना फिलिपीन से आयी है । उस ने इस तरह परिचय देते हुए कहा कि इस दुकान की सभी मिट्टी कलात्मक कृतियां जापान से आयातित हैं । इस दुकान में सब से बेशकीमती तितली नामक मिट्टी कलात्मक कृति ही है , यह कृति उसे भी सब से पसंद आयी है । यह बेमिसाल कृति हजारों लाखों तितलियों से तैयार हुई हैं और हरेक तितली ऊंगली जितनी छोटी है , निर्माताओं ने अत्यंत कठोर परिश्रम से इन हजारों लाखों तितलियों को एक एक जोड़कर मनुष्य जिनते लम्बे भीमकाय तितली का आकार प्रकार तैयार कर दिया ।
मुझे यह तितली नामक कलात्मक कृति सब से पसंद आयी है । वह अंगिनत छोटी छोटी तितलियों से बनायी गयी है , इसे बनाने में अकल्पनीय मेहनत और कठोर परिश्रम की जरूरत है , इस की कला सचमुच बेजोड़ है ।
श्रोता दोस्तो , दक्षिण लो कू कालोनी में जब पर्यटक घूमते घूमते थक जाते हैं , तो वे इसी कालोनी में स्थित विभिन्न शैलियों से सजधज काफी बार या रेस्त्रां जा सकते हैं । पर्यटक काफी बार में अपनी मर्जी से काफी का मजा ले सकते हैं या किसी रेस्त्रां में पेट भर भी खा सकते हैं । यदि कोई पर्यटक चीनी चाय पीना चाहता है , तो वह चीनी चाय घर में हरी चाय या चमेली चाय की चुस्की भी ले सकता है । इस कालोनी में सभी दुकान , रेस्त्रां या काफी व चाय बार बड़ा नहीं हैं , पर वे अपनी अपनी विशेष पहचान रखते हैं । एक छोटा कमरा नामक काफी बार की मालकिन सुश्री ली वी ने अपने इस बार की चर्चा में मुस्कराते हुए कहा कि अपने इस बार की डिजाइन खुद उस ने की है । क्योंकि उस का यह काफी हाऊस युरोपीय ग्रामीण शैली से संपन्न है , इसलिये बहुत से युरोपरीय ग्राहकों ने इस की प्रशंसा में अपने घर का गेस्ट रूम कहा ।
माल्किन ली वी ने कहा कि ग्राहक इस हाऊस की अलग ढंग की सजावट देखते ही अंदर आने का मन बना लेते हैं । हमारे हाऊस में सब से छोटा ग्राहक मात्र सौ दिन से कम है और वह अपनी मां की गोद में बैठे हुए आया था । एक दिन उस का संपरिवार यहां खाने पर आया था , उस दिन हाऊस में ग्राहक ज्यादा नहीं थे , केवल उस के परिवार के सदस्य थे , वे यहां पर खाने के बाद बड़े आराम से काफी पीते हुए बहुत प्रसन्न हुए । पेइचिंग के अन्य क्षेत्रों के शराब व काफी बारों से अलग दक्षिण लो कू कालोनी में विश्राम और फैशनबुल पर्यावरण का आनन्द उठाने के अतिरिक्त सघन सांस्कृतिक माहौल भी व्यापत है । इस का प्रमुख कारण है कि यहां की बहुत सी छोटी दुकानों के दुकानदार खुद कलाकार या लेखक ही हैं । उदाहरण के लिए मार्ग्रीट काफी हाऊस की माल्किन छ्वान लिंग स्वंय एक उपन्यासकार है । उस ने हमारे संवाददाता से कहा कि कुछ साल पहले एक दिन वह किसी काम से इस दक्षिम लो कू कालोनी आयी , इस कालोनी की सड़क पर घूमते घूमते यहां का साधारण शहरी जीवनी वातावरण पर वह एकदम मोहित हो गयी , बाद में उस ने यहां पर अपनी छोटी दुकान खोलने का निर्णय लिया । अब वह अपने उपन्यास रचने की तरह अपना काल्पनिक काफी हाऊस चला रही है ।
मुझ सचमुच ही यह सड़क बहुत पसंद आयी है , क्योंकि यहां बहुत शांत है । मुझे यहां के शहर वासियों का दैनिक जीवन भी बहुत अच्छा लगता है । एक उपन्यासकार होने के नाते मैं वास्तविक जीवन का बहुत ख्याल रखती हूं । इसलिये इस सड़क की वजह से मुझे मानव जाति का सौंदर्य महसूस हुआ है । मुझे लगता है कि हम जैसे लोगों ने सीमेंट व कंकरिट से घेरे वातावरण में बहुत ज्यादा समय बिताये हैं , हमें खुले प्राकृतिक वातावरण में वापस लौटने की सख्त जरूरत है , बहुत धीमे मजे में लौटना ही चाहिये । दक्षिण लो कू कालोनी ने मुझे यह जता दिया है कि मनुष्य को धीमे मजे और साधारण मजे का आनन्द उठाना चाहिये ।