2008-01-28 16:09:23

तिब्बत के नीले आसमान व स्वच्छ पानी की रक्षा

पश्चिमी चीन स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को विश्व की छत और पृथ्वी का तीसरा ध्रुव माना जाता है । यहां तिब्बती जाति के अलावा हान, ह्वेइ, मनबा, लोबा, नाशी, नू और तुलुंग आदि दस से ज्यादा अल्पसंख्यक जातियां साथ-साथ रहती हैं । कठिन प्राकृतिक स्थिति और पारिस्थितिकी पर्यावरण कमज़ोर होने के कारण लम्बे समय तक चीन के भीतरी इलाकों के अन्य क्षेत्रों की तुलना में तिब्बत थोड़ा सा पिछड़ा हुआ है । लेकिन आजकल यह स्थिति तेज़ी से बदल रही है । आर्थिक व सामाजिक विकास के साथ-साथ तिब्बत के पर्यावरण संरक्षण का भी भारी महत्व है।

एक रहस्यमय स्थल के रूप में तिब्बत हमेशा से लोगों को आकष्ट करता रहा है । विश्व के सब से ऊंचे पठार यानी छिंगहाई तिब्बत पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की औसतन ऊंचाई समुद्र की सतह से चार हज़ार मीटर से ज्यादा है । लम्बे समय तक बाह्य दुनिया के लोगों का तिब्बत में जाना और पठारीय तिब्बती बंधुओं का तिब्बत से बाहर आना एक मुश्किल सवाल बना रहा है । नए चीन की स्थापना के शुरू में लोग घोड़े पर सवार होकर या पैदल तिब्बत आते-जाते थे, यह सफ़र बहुत कठिन था और इस में कई महीने का समय लग जाता था ।

संगीत---

इस समय आप सुन रहे हैं तिब्बती गायिका पासांग द्वारा गाया गया गीत《स्वर्ग-मार्ग》। यह तिब्बती जनता द्वारा छिंगहाई-तिब्बत रेल-मार्ग के लिए विशेष तौर पर रचा गया गीत है । गीत के बोल हैं

सूर्यास्त में मैं खड़ी हूँ पहाड़ की चोटी पर

देख रही हूँ वह रेलवे मेरे जन्मभूमि की ओर आ रही है

एक बड़े ड्रैगन की तरह वह आ रही है

पहाड़ों को पार करते हुए

बर्फीले पठार को सुख चैन लाती है वह

वही है एक आश्चर्यजनक रास्ता जो

मातृभूमि की चिंता को तिब्बत के विभिन्न स्थलों तक पहुंचाता है

बाद में हमें

पहाड़ कभी ऊंचा

और रास्ता लम्बा नहीं लगता

विभिन्न जातियों के लोग खुशहाल एक साथ रहेंगे

अभी आप ने सुना छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के वर्णन वाला गीत《स्वर्ग-मार्ग》।

छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात वर्ष 2006 की पहली जुलाई को शुरू हुआ था । इस रेल मार्ग के निर्माण पर कुल 33 अरब य्वान की पूंजी लगायी गई है । इधर के वर्षों में चीन सरकार ने तिब्बत के यातायात आदि बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में ज्यादा पूंजी लगा कर"तिब्बत में जाना मुश्किल"सवाल का स्थाई समाधान कर दिया है। अब लोग गाड़ी, रेल वे और विमान आदि से इस रहस्यमय स्थल पर आ-जा सकते हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के स्थाई मामलों के जिम्मेदार उपाध्यक्ष श्री हो फङ ने कहा:

"छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से तिब्बत का यातायात पूरी तरह बदल गया है । इस के साथ ही तिब्बत में नागरिक उड्डयन कार्य का भी जोरदार विकास हो रहा है । वर्तमान में यहां तीन हवाई अड्डों का निर्माण पूरा किया गया है और अन्य दो हवाई अड्डे निर्माणाधीन हैं । इन के अलावा थल मार्ग की लम्बाई 45 हज़ार किलोमीटर है ।"

सुविधाजनक यातायात ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकृष्ट करता है । विशेष भौगोलिक स्थिति, रहस्यमय धर्म व रीतिरिवाज़ तिब्बत के विशेष पर्यटन संसाधन बन गए हैं, जो विश्व में अद्वितीय हैं । हर वर्ष यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या दस लाख से ज्यादा रहती है, जिस से तिब्बत को बड़ा आर्थिक मुनाफ़ा पहुंचा है ।

लेकिन स्थानीय सरकार और तिब्बती जनता को स्पष्टतः मालूम है कि बाह्य दुनिया के लोग तिब्बत आने को इसलिए जिज्ञासु हैं कि यहां का नीला आसमान, स्वच्छ झीलें, उच्च बर्फीले पहाड़, शानदार पोटाला महल और विशेष जातीय रीति-रिवाज़ इत्यादि उन्हें आकृष्ट करते हैं । सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि तिब्बत न सिर्फ़ चीन, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया की नदियों का उद्गम स्थल है, बल्कि उसे चीन और यहां तक कि पूर्वी गोलार्थ के जलवायु का समन्वय क्षेत्र भी माना जाता है । इस तरह पर्यावरण संरक्षण कार्य तिब्बत में सब से महत्वपूर्ण कार्य बन गया है ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े ।

(श्याओ थांग)