2007-12-28 15:43:55

चीन में पालवाले नाव खेल को ऑलंपियाड से लाभ उठाने का नया मौका मिला

दोस्तो, पालवाला नाव खेल चीन में बहुत देर से शुरू हुआ है। पिछली शताब्दी में भी इस खेल का विकास बहुत अधिक नहीं हुआ था। लेकिन वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड के आने के साथ-साथ चीन में पालवाले नाव खेल के विकास को भी नया मौका मिला है।

अगस्त की चौदह तारीख को छिंङडाओ शहर के समुद्रतल पर सफ़ेद सफ़ेद पाल दिखाये पड़ रहे हैं। विश्व की विभिन्न जगहों से आईं पालवाली नाव के साथ इस खेल के श्रेष्ठ खिलाड़ी यहां इकट्ठे हुए हैं। वे वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड की जांच-पड़ताल प्रतियोगिता यानि वर्ष 2007 की सौभाग्य पेइचिंग नामक छिंङडाओ अंतर्राष्ट्रीय पालवाला नाव प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये यहां आये हैं। खिलाड़ियों के छिंङडाओ आने का और एक मुख्य लक्ष्य यहां की समुद्री लहरों व वायु-गति के अनुरूप खुद को बनाना है। क्योंकि वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड की पालवाला नाव प्रतियोगिता का यहां आयोजन होगा। तरह-तरह के पालों में लोग कभी-कभी ऐसे पाल भी देख सकते हैं, जिन पर सी.एच.एन. यानि चीन का निशान है। उन पालवाला नावों के चालक चीनी खिलाड़ी हैं। वे बड़े जोश के साथ अगले वर्ष में आयोजित ऑलंपियाड में पदक प्राप्त करने की प्रतीक्षा में हैं।

वर्ष 2004 के एथेंस ऑलंपियाड में महिला पालवाली नाव इवेंट की रनर अप चीनी खिलाड़िन यीन चेन ने हमारे संवाददाता को बताया कि, मेरा अगले वर्ष का लक्ष्य स्वर्ण-पदक प्राप्त करना है। यह लक्ष्य पूरा करने के लिये मैं ज़रूर अपनी पूरी कोशिश करूंगी।

पालवाला नाव खेल पिछली शताब्दी के आठवें दशक से चीन में शुरू हुआ। पर इस शताब्दी से इस खेल के खिलाड़ियों का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा है। आर्थिक विकास के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा चीनी लोगों को इस दिलचस्प पर खर्चीले खेल का शौक पैदा हुआ। वर्ष 2001 में चीन ने सफलता के साथ ऑलंपियाड का आयोजन करने का अधिकार प्राप्त किया। इस के बाद चीनी खेल जगत ने यह पाया कि पालवाला नाव खेल एक ऐसा तकनीकी व समझदारी वाला खेल है, जो चीनी लोगों की विशेषता के अनुकूल है। और इस इवेंट में चीनी खिलाड़ियों की ऑलंपियाड में स्वर्ण-पदक प्राप्त करने की बड़ी आशा भी होगी। इसलिये चीन ने पालवाले नाव खेल में ज्यादा पूंजी लगाई है ।

पिछले वर्ष अमरीका में आयोजित वर्ष 2006 की लेज़र राडिया पालवाला नाव विश्व चैंपियनशिप में चीनी खिलाड़िन शू ली च्या ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इस पालवाली नाव इवेंट में भीतरी चीन के खिलाड़ी ने पहली बार विश्व चैंपियनशिप हासिल की है। अब खिलाड़िन शू ली च्या ने अपनी नज़र पेइचिंग ऑलंपियाड पर रखी है। ऑलंपियाड की संभावना की चर्चा में शू ली च्या ने सब से पहले अपने जीतने की इच्छा प्रकट की। उन्होंने कहा कि, वास्तव में मुझे लगता है कि उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद अब मेरा सब से बड़ा प्रतिद्वंद्वी तो मैं खुद हूं। मुझे अपने आप को जीतना पड़ेगा। यह वर्ष 2008 में मेरा एक लक्ष्य है।

पेइचिंग ऑलंपियाड में चीनी पालवाली नाव के खिलाड़ियों के लक्ष्य के प्रति चीनी राष्ट्रीय अखिल खेल ब्यूरो के जल से संबंधित खेलों के प्रबंध केंद्र के उपाध्यक्ष श्री ली हाए छ्वान ने स्पष्ट रुप से कहा कि, हमारा लक्ष्य तो चैंपियनशिप प्राप्त करना है। और हमारे खिलाड़ियों को अपने देश में अच्छा अंक प्राप्त करना चाहिए। पिछले समय में हमारा सब से अच्छा अंक तो दो बार के ऑलंपियाडों में रजत-पदक रहा है। पर इस बार के ऑलंपियाड में हमें आशा है कि हमारे खिलाड़ी इस अंक को पार करके स्वर्ण-पदक हासिल कर सकेंगे।

वस्तुस्थिति की दृष्टि से बहुत से पक्षों में चीनी टीम में कमी है। आगामी एक वर्ष में चीनी टीम को निरंतर अपनी कमी को दूर करना चाहिए। चीनी टीम के प्रशिक्षक दल के सदस्य श्री च्यांग शन ने संवाददाता को इन्टरव्यू देते समय कहा कि वर्ष 2007 का सौभाग्य पेइचिंग नामक छिंङडाओ अंतर्राष्ट्रीय पालवाली नाव प्रतियोगिता समेत सिलसिलेवार प्रतियोगिताओं में चीनी टीम विश्व की अन्य उच्च स्तरीय टीमों से सीखेगी। उन्होंने कहा कि, मेरे ख्याल से चीनी खिलाड़ियों को विदेशी खिलाड़ियों से सीखना चाहिए। तकनीक के अलावा प्रतियोगिता के अनुभव व रणनीतिक योजना आदि के बारे में हमें उनसे सीखना चाहिए। विदेशी खिलाड़ियों की अपेक्षा हमारे खिलाड़ियों को बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के मौके कम हैं। इसलिये उन के पास अनुभव भी कम है।

चीन में पालवाला नाव खेल का विकास केवल ऑलंपियाड के लिये ही नहीं है। हाल ही में इस खेल ने, जो फ़ैशन, स्वस्थ, आरामदेह, और अपने आप को चुनौती देने वाला एक खेल है, बहुत शौकीनों को आकर्षित किया है। छिंङडाओ नामक बड़े पालवाली नाव के नायक श्री क्वो छ्वान चीन में पालवाली नाव से विश्व की यात्रा करने वाले पहले आदमी हैं। उन्होंने कहा कि, पालवाले नाव खेल को जनता के खेल के रूप में प्रसार-प्रचार करने का काम अभी-अभी शुरू हुआ है। पर मुझे विश्वास है कि हम ऑलंपियाड के मौके तथा अच्छे मैदान व संस्थापन से लाभ उठाकर अच्छे से अच्छा काम कर सकेंगे। और भविष्य में इस खेल को पसंद करने वालों की संख्या ज़रूर ज्यादा से ज्यादा होगी। यह खेल चीनी लोगों के जीवन का एक भाग बन जाएगा।

वर्ष 2003 के जून में छिंङडाओ ऑलंपिक पालवाला नाव प्रतियोगिता की आयोजन कमेटी की स्थापना के बाद छिंङडाओ शहर लगातार ऑलंपियाड का स्वागत करने का वातावरण बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस शहर के प्रशासकों ने ठोस ऑलंपिक कार्रवाई योजना बनायी है, और वे धीरे-धीरे इस योजना को लागू कर रहे हैं। ऑलंपिक पालवाला नाव प्रतियोगिता का आयोजन करने के लिये छिंङडाओ ने एक आधुनिक ऑलंपिक पालवाला नाव केंद्र का निर्माण किया है। यह केंद्र उच्च तकनीक का फल है, जिसने विश्व को तकनीकी ऑलंपिक, हरित ऑलंपिक व मानवीय ऑलंपिक का विचार दिया है।

पिछले वर्ष के अगस्त व इस वर्ष के अगस्त में छिंङडाओ शहर ने सफलता के साथ दो बार सौभाग्य पेइचिंग नामक छिंङडाओ अंतर्राष्ट्रीय पालवाला नाव प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। ये प्रतियोगिताएं वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड की पालवाला नाव प्रतियोगिता का पूर्वाभ्यास हैं। परिणाम के अनुसार छिंङडाओ को अंतर्राष्ट्रीय ऑलंपिक समिति, अंतर्राष्ट्रीय पालवाला नाव संघ व विभिन्न देशों से आए खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों का उच्च मूल्यांकन मिला है।