हानी जाति के लोग बहु-ध्वनि वाले लोकगीत गाते हुए
हानी जाति की अपनी लिपि न होने की वजह से पारंपरिक संस्कृति का उत्तराधिकार अधिक तौर पर गुरु के ज़बान से शिष्य तक सिखाने के तरीके से किया जाता है। इस वजह से बहु-ध्वनि वाले लोकगीत का उत्तराधिकार और इसकी रक्षा करना अधिक मुश्किल है। लेकिन सौभाग्य की बात है कि सरकार के निवेश के अलावा, कई हानी युवा लोग अपनी जातीय संस्कृति पसंद करते हैं, इसे सीखना चाहते हैं और वे अपनी जातीय संस्कृति का प्रसार-प्रचार करने को तैयार हैं।
होंग-ह कॉलेज में दसियों लड़कियां गाना गा रही हैं। यह गीत हानी जातीय बहु-ध्वनि वाले लोकगीत"बुवाई का गीत"के आधार पर रचा जाता है। लड़कियों के पास होंग-ह प्रिफेक्चर के संस्कृति भवन के पूर्व प्रधान चो मिन खड़े हुए हैं, जो वर्तमान में होंग-ह सांस्कृतिक निवेश कंपनी के बोर्ड अध्यक्ष हैं। वे लड़कियों को अभ्यास करने में सहायता दे रहे हैं। अगले दिन प्रदर्शन किया जाएगा। चो मिन ने कहा:"हमने देखा कि कुछ स्थानीय युवा लोगों को हानी जातीय बहु-ध्वनि लोकगीत पसंद है। इस तरह हमने उन लोगों को इक्ट्ठा कर एक दल स्थापित किया। हमारा उद्देश्य है कि इस जातीय बहु-ध्वनि लोकगीत का उत्तराधिकार किया जाएगा। स्थानीय किसानों ने भी इस पर भी महत्व दिया। उनका कहना था कि हमारी जाति का लोकगीत पसंद करने वाले इतना ज्यादा है, तो हमें बहुत गर्व महसूस होता है। फिर वे इसमें भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। धीरे-धीरे हमारे लोकगीत दल में भाग लेने वालों की संख्या बढ़ गई।"