छन शिन्यांग दादा द्वारा दिए वाद्ययंत्र लेते हुए
छे-ग की समान उम्र वाला पुरुष छन शिन्यांग फूछुन गांव में हानी जातीय बहु-ध्वनि वाले लोकगीत का एक और राष्ट्र स्तरीय उत्तराधिकारी है। वह संगीत दल का प्रमुख गायक होने के साथ-साथ फूछुन गांव में विभिन्न अभिनय का आयोजक भी है। छन शिन्यांग कभी-कभार संगीत दल का नेतृत्व कर प्रदर्शन अभिनय के लिए दूसरे स्थल जाता है, ताकि हानी जाति की संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर सके। हर बार प्रदर्शन के दौरान वह अपनी छाती पर तीन तारों का एक पुराना और लघु वाद्ययंत्र रखता है। उसके अनुसार यह वाद्ययंत्र उसके लिए बहुत मूल्यवान है। छन शिन्यांग ने इसे दिखाकर परिचय देते हुए कहा:"यह वाद्ययंत्र मेरे दादा जी ने मुझे दिया था, उस समय मैं 12 या 13 साल का था। परिवार की जीवन स्थिति मुश्किल होने की वजह से मुझे स्कूल जाने के बजाए पहाड़ों में बैलों और भेड़ों का पालन करना पड़ता था।"
छन शिन्यां के दादा जी सुप्रसिद्ध स्थानीय गायक थे। छोटी उम्र से ही छन अपने दादा के साथ रहता था। दिन में वे बाहर बैलों का पालन करते थे और रात को दादा जी उसे गाना सिखाते थे। मधुर धुन और हानी लोगों के मन में पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रही भावना इस तरह छोटे छन शिन्यांग के दिल में आ बसी। आज, वह अपने दादा द्वारा दिए छोटे तीन तारों का वाद्ययंत्र लिए हानी जाति के पहाड़ी गीत गाते हुए गांव से निकल जाता है। उसने होंग-ह प्रिफेक्चर से बाहर जाकर दुनिया में प्रवेश किया। उसकी अभिलाषा है कि अधिक से अधिक लोग पहाड़ों के बीचोंबीच रहने वाले हानी जाति के सुन्दर और मधुर गीत जान सके। उसे लगता है कि लोकगीत के उत्तराधिकारी के रूप में दूसरों को अपनी जातीय संस्कृति की ज्यादा जानकारी का प्रसार-प्रचार करना उसका उत्तरदायित्व है। छन शिन्यांग ने कहा:"मेरा विचार है कि लोक संस्कृति बैलों के पीठ पर पैदा हुई संस्कृति है। लोग खुद अनुभव करके इसे सीख सकते हैं। लेकिन वर्तमान में बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं। हमारी जाति के बहु-ध्वनि वाले लोकगीत के आगे विकास के लिए हमें भी स्कूल में प्रवेश करना है। हर वर्ष मैं कई अभिनय प्रदर्शन का आयोजन करता हूँ, ताकि हमारी जाति के लोक संगीत का ज्यादा से ज्यादा प्रसार-प्रचार कर सकूं।"
हानी जाति का बहु-ध्वनि वाला लोकगीत न केवल संगीत का तरीका है, बल्कि इस जाति के खून की अभिव्यक्ति भी है। लेकिन युग के परिवर्तन और जीवन पृष्ठभूमि में आए बदलाव की वजह से इस जातीय संगीत को विरासत में लेते हुए उसका विकास करना मुश्किल रहा। इस जातीय संस्कृति को बचाने और इसकी रक्षा करने के लिए स्थानीय सरकारी विभाग ने हाल के वर्षों में हानी जाति के इस गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत के डिजिटलीकरण निर्माण शुरु किया। संबंधित मूल्यवान सामग्रियों का संग्रह करके रिकोर्ड किया गया है। होंग-ह कांउटी के संस्कृति भवन के जिम्मेदार व्यक्ति ली पाईचांग ने कुछ दिन पहले रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हानी जाति के बहु-ध्वनि वाले संगीत दल के गीतों को रिकोर्ड किया। उसने कहा:"कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि गैर-भौतिक संस्कृति कभी न कभी लुप्त हो जाएगी। अब हम इसे बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। मेरा विचार है कि एक राष्ट्र स्तरीय परियोजना को डिजिटलकरण निर्माण के माध्यम से बचाना संभव होगा।"