शिनयांग क्षेत्र में खुशबूदार चाय की महक चारों ओर व्याप्त ही नहीं, बल्कि बहुत सी सुंदर पौराणिक कहानियां भी स्थानीय लोगो के जुबान पर हैं। यहां के भ्रमण पर आने वाले पर्यटक खुशबूदार चाय की चुस्की लेते हुए मर्मस्पर्शी पौराणिक कथाएं सुनने में बड़े मस्त हो जाते हैं। ह्वाई हो नदी के ऊपरी घाटी क्षेत्र और ता प्ये पर्वत में अवस्थित होने की वजह से शिनयांग क्षेत्र का जलसंसाधन सारे हो नान प्रांत 22 प्रतिशत बनता है, वृक्षारोपण क्षेत्र करीब तीस प्रतिशत है। श्रेष्ठ प्राकृतिक स्थिति और बेहतरीन पारिस्थितिक संरक्षण से शिनयांग क्षेत्र को खूब दाद मिली है। अतः शिनयांग शहर राष्ट्रीय स्तर वाला पारिस्थितिकि आदर्श शहर ही नहीं , बल्कि चीन के श्रेष्ठ पर्यटन शहरों की गिनती में भी आता है। 2009 में वह चीन के ऐसे दस बड़े शहरों की गिनती में आ गया है, जो दिनचर्या गुजारने और रहने के लिये सब से लायक हैं।
शिनयांग का ची कुंग यानी मुर्गा सिर पर्वत चील के प्रसिद्ध रमणीय सथलों में से है , इस पर्वत की चोटी पर एक ऐसा बड़ा काला पत्थर है , जिस का आकार प्रकार मुर्गे का सिर मालूम पड़ता है, इसलिये वह ची कुंग यानी मुर्गा सिर पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पर्वत पर बहुत से भू दृश्य देखने को मिलते हैं , पेइचिंग शहर से आयी पर्यटक सुश्री चांग चीकुंग पर्वत के दौर पर आयी है , वह वहां की ठंडी ताजा हवा व मीठे झरने की प्रशंसक है । उस का कहना है,कब से ही सुन लिया है कि शिनयांग का ची कुंग पर्वत हमारे देश के विख्यात रमणीक पर्यटन स्थलों में से एक है , आज यहां आने के बाद मुझे सचमुच बहुत सुंदर लगता है, बहुत दर्शनीय है।
इस पहाड़ी पर्यटन क्षेत्र का तापमान शहरी क्षेत्र से काफी नीचा है, मुर्गे सिर जैसी चोटी पर झरना बड़ा मनमोहक है, पानी भी बहुत मीठा है , यह मीठा पानी पीने के बाद सारा शरीर एकदम ताजा लगता है।
शिनयांग पर्वतों व पानी से जुड़ा हुआ है। मध्य चीन की प्रथम झीलके नाम से नामी नानवान झील इसी क्षेत्र में अवस्थित है। नानवान झील का क्षेत्रफल 443 वर्गकिलोमीटर विशाल है, वह हांगचओ शहर की शी हू झील से 12 गुने से अधिक बड़ी भी है। झील में बिखरे हुए 61 छोटे टापू चमकदार मोती की तरह पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। चंग चओ शहर रहने वाले पर्यटक हाऊ कई बार घूमने यहां आ चुके हैं।
उन्हों ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि घूमने के लिये कल यहां आ पहुंचा, कई बार नानवान झील पर्यटन स्थल आ गया हूं, बड़ा अच्छा लगता है, मुझे पर्वतों व पानी से बड़ा लगाव है।