चीन अपने आर्थिक लचीलेपन के साथ चुनौतियों का सामना करेगा

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्रता और मुक्ति प्राप्त करने वाले बड़ी संख्या में विकासशील देशों ने दीर्घकालिक प्रयासों के माध्यम से पर्याप्त आर्थिक विकास हासिल किया है, अब उनकी समग्र शक्ति विकसित देशों के बराबर या उससे भी आगे निकलने लगी है। पश्चिमी विकसित देश अब विश्व की स्थिति के विकास को उस तरह प्रभावित नहीं कर सकते जैसा कि उन्होंने पिछले कई सौ वर्षों में किया था। विकासशील देश, विशेषकर उभरती अर्थव्यवस्थाएं, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज उठाने लगी हैं। विश्व का भाग्य अब कुछ पश्चिमी देशों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

19-May-2025
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