"कैलाश की गोद में बचपन": तिब्बती मानवाधिकारों की वास्तविक कहानी

कहते हैं कि किसी जगह की वास्तविकता को यदि विस्तार से समझना है तो वहां की ज़मीन पर पैर रखकर सच को खोजा जाए। डॉक्यूमेंट्री "कैलाश की गोद में बचपन" तिब्बती मानवाधिकारों को समझने की अंजलि और दिव्या की साझा कोशिश है, जो इस सच की खोज के लिए शीत्सांग (तिब्बत) के आली प्रिफेक्चर के बागा गांव में करीब 4,700 मीटर की ऊंचाई पर बने एक बोर्डिंग स्कूल में गए। "तिब्बती क्षेत्रों में बोर्डिंग स्कूल और तिब्बती बच्चों की शिक्षा की स्थिति" के विषय के साथ, यह डॉक्यूमेंट्री चार तिब्बती बच्चों के शैक्षणिक जीवन से परिचित कराती है, और दुनिया को तिब्बती बच्चों शिक्षा की वास्तविक स्थिति के बारे में सूचित करती है। 

23-Jan-2025