भारतीय पत्रकार सीताराम मेवाती ने पिछले दिनों चीन के शिन च्यांग का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने वहाँ की स्थिति को क़रीब से देखा और जाना। उन्होंने सीजीटीएन हिंदी संवाददाता अनिल पांडेय के साथ इंटरव्यू में बताया कि शिनच्यांग में लोग खुशहाल हैं। साथ ही लोगों को उनके धर्म आदि को मानने की पूरी आज़ादी है।
चीन में विकास की रफ्तार को सतत बनाए रखने के लिए कोशिशें जारी हैं। बताया जाता है कि चीन इस साल उपभोग को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहा है। साथ ही चीन में देश के भीतर घरेलू मांग को बढ़ाने की आवश्यकता जताई गयी है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में निवेश में इजाफा किए जाने पर ज़ोर है। जाहिर है कि चीन में विकास की गुणवत्ता एक अहम विषय है, जिस पर सरकारी एजेंसियों का ध्यान केंद्रित हुआ है।
चीनी छात्र इन दिनों विभिन्न विश्विद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए परीक्षा देने में व्यस्त हैं।“काओ खाओ” नाम के इस एग्ज़ाम को इन विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और मुश्किल एग्ज़ाम माना जाता है। क्योंकि यह इम्तिहान छात्रों का जीवन बदल कर रख देता है। इस परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वालों को देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एडमिशन मिल पाता है। जो उनके करियर को संवारने का अहम प्लेटफार्म बनता है। चीन में इस साल का कॉलेज एंट्रेंस एग्ज़ाम 7 जून को शुरू हुआ।
विश्व में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन चुका चीन लगातार प्रगति कर रहा है। देश को आधुनिक बनाने और आगे ले जाने के लिए चीन में तकनीक का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं।
चीन जनसंख्या और क्षेत्रफल के लिहाज से एक बड़ा देश है। ऐसे में चीन की ऊर्जा जरूरतें भी कम नहीं हैं। देश विभिन्न ऊर्जा माध्यमों से ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके साथ ही ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर भी चीन का ध्यान बना हुआ है।
चीन ने एआई को बहुत तेजी से अपनाया है, चीन में एआई से जुड़े कई स्टार्ट अप स्थापित हो रहे हैं। कहना होगा कि चीन एक क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है। क्योंकि चीन में एआई और रोबोटिक्स का तेज विकास हो रहा है। इसके साथ ही सुरक्षा उद्योग को लेकर भी व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं।
चीन सरकार देश को समग्र रूप से खुशहाल राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर है। इसमें जन स्वास्थ्य बहुत अहम भूमिका निभाता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आम लोगों तक हो, इस पर केंद्र सरकार काफी ध्यान दे रही है।
चीन एक बड़ी आबादी वाला देश है, ऐसे में चीन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है। लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना आसान नहीं है। हालांकि पहले इसके लिए विभिन्न तरह के ऊर्जा संसाधनों का उपयोग होता रहा है। जिसमें जीवाष्म ईंधन वाली ऊर्जा का इस्तेमाल भी शामिल था, लेकिन हाल के वर्षों में चीन ने इसे पूरी तरह बदल दिया है।
चीन एक कृषि प्रधान देश है, जो भारी मात्रा में अनाज उत्पादन करता है। हालांकि विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते मुश्किलें भी पेश आती हैं। बाढ़, सूखा व सुनामी जैसी आपदाओं ने चीन के साथ-साथ भारत और अन्य देशों को परेशान कर रखा है। जबकि खाद्य सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है।
अमेरिका ने चीन, वियतनाम, मैक्सिको और भारत सहित तमाम देशों के खिलाफ़ भारी टैरिफ लगाकर वैश्विक संकट खड़ा कर दिया है। तीसरी दुनिया के देशों के साथ हो रहे भेदभाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मनमानी पर उतर आए हैं। इस बारे में सीजीटीएन संवाददाता अनिल पांडेय ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर सिंह के साथ विस्तार से चर्चा की।
एआई से दुनिया बदल रही है, विभिन्न क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल से व्यापक परिवर्तन हो रहा है। जाहिर है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा, परिवहन, विज्ञान और स्वास्थ्य में भूमिका अहम होती जा रही है। जिस समस्या को हल करने में लंबा समय लगता था, अब एआई से बहुत जल्द उसका निदान हो सकता है।