चीन और भारत न केवल बड़े विकासशील देश हैं, बल्कि एक-दूसरे के पड़ोसी भी हैं। हाल के वर्षों में दोनों ने तकनीक पर ज़ोर देने के साथ-साथ हरित राष्ट्र के निर्माण में भी काम किया है। दोनों देशों की सरकारें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही हैं। इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकार कहते हैं कि यह संतुलित विकास करने का एक अच्छा मॉडल है।
चीन की राजधानी पेइचिंग में एनपीसी और सीपीपीसीसी दो सत्रों का आयोजन हुआ। इस दौरान विभिन्न नीतियां, मसौदे और प्रस्ताव पारित किए गए। विशेष रूप से आर्थिक स्थिरता और खुलेपन पर व्यापक लोगों ने ध्यान दिया है। चीन ने वर्ष 2025 के लिए 5 फीसदी का विकास लक्ष्य रखा है, जिसे हासिल करना मुश्किल नहीं होगा।
चीन में आयोजित हुए महत्वपूर्ण दो सत्रों पर समूचे विश्व का ध्यान लगा हुआ है। इसके दौरान आर्थिक विकास और खुलेपन के साथ-साथ तकनीकी नवाचार पर जोर दिया गया।
चीन की राजधानी पेइचिंग में आजकल राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा(एनपीसी) और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन(सीपीपीसीसी) का आयोजन हो रहा है। इन दो सत्रों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। जैसा कि हम जानते हैं कि चीन में दो सत्रों के दौरान विभिन्न नीतियां बनती हैं और फैसले लिए जाते हैं। इन नीतियों, योजनाओं और फैसलों का न केवल चीन बल्कि पूरे विश्व पर कुछ न कुछ असर होता है।
चीन और भारत के संबंधों में हाल के दिनों में सुधार देखने में आया है। उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा। विशेषकर इस साल चीन और भारत के बीच राजनयिक रिश्ते स्थापित होने की 75वीं वर्षगांठ है। इस दौरान सीजीटीएन के वरिष्ठ संवाददाता अनिल पांडेय ने शांगहाई स्थित कौंसल जनरल प्रतीक माथुर के साथ खास मुलाकात की।
पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की समस्या से लगभग पूरी दुनिया परेशान है। इससे निपटना किसी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण प्रदूषण का स्तर काफी कम करने में सफलता पाई है। चीन सरकार के व्यापक प्रयासों के चलते देश के कई शहरों की वायु गुणवत्ता में व्यापक सुधार देखा गया है।
चीन की राजधानी पेइचिंग में मार्च महीने के पहले सप्ताह में एक महत्वपूर्ण गतिविधि शुरू होने वाली है। जिसे एनपीसी और सीपीपीसीसी के रूप में जाना जाता है। इन सत्रों के दौरान तमाम बड़े नेता और प्रतिनिधि देश के कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। इस मामले पर सीजीटीएन हिंदी संवाददाता अनिल पांडेय ने भारत की जानी-मानी राजनयिक विश्लेषक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जानकार डॉ. शिखा गुप्ता के साथ खास बातचीत की।