
अमेरिका की ओर से लगातार ट्रेड टैरिफ बढ़ाए जाने के बावजूद चीन के हैनान में आयोजित पांचवें चीन अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता उत्पाद एक्सपो यानी सीआईसीपीई को जिस तरह से प्रतिक्रिया मिली है, उससे साफ है कि चीनी उपभोक्ता सामानों के कारोबार में बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। पंद्रह से 18 अप्रैल तक चले इस आयोजन में दर्शकों, कारोबारियों और खरीददारों की रिकॉर्ड भागीदारी हुई। यह भागीदारी उम्मीद के अनुसार सौदों की बढ़ोतरी में भी बदली। इस एक्सपो में 70 से अधिक देशों और क्षेत्रों से 1,700 से अधिक कंपनियों और 4,100 ब्रांडों की हिस्सेदारी मामूली बात नहीं है। जिससे साफ है कि चीन के बाजार और विकास में अंतर्राष्ट्रीय विश्वास बना हुआ है। इस आयोजन से चीन के साथ नई व्यापारिक साझेदारियों को बढ़ावा तो मिला ही, हैनान एक बार फिर चीन के प्रमुख व्यापार केंद्र के रूप में एक बार फिर स्थापित ही हुआ।
इस आयोजन में रिकॉर्ड संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 71 देशों और क्षेत्रों की 1,767 कंपनियां और 4,209 ब्रांड शामिल थे। यह चीन के उपभोक्ता बाजार में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय दिलचस्पी को तो जाहिर करता ही है, इससे यह भी साबित होता है कि वैश्विक व्यवसायों के लिए चीन जहां बड़ा मंच बना हुआ है, वहीं हैनान का यह आयोजन एक बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित भी हुआ है।

इस एक्सपो में 52 सहयोग समझौते हुए, जिनका कुल मूल्य लगभग करीब 92 बिलियन युआन यानी करीब 12.6 बिलियन डॉलर कहा जा सकता है। इससे भी पता चलता है कि चीन में अंदरूनी व्यापार और निवेश के अवसरों में विश्व की गहरी रुचि बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में हैनान के मुक्त व्यापार बंदरगाह से मिल रहे फायदों को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें व्यापार सहयोगी नीतियां और अनुकूल कारोबारी माहौल भी शामिल हैं। इससे पता चलता है कि अंतर राष्ट्रीय उद्यम केंद्र के रूप में हैनान की ओर दुनिया का आकर्षण बढ़ा है।
सीआईसीपीई को मिली मजबूत प्रतिक्रिया वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, चीन के बाजार और उसके विकास में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के स्थायी विश्वास को दर्शाती है। डेलॉइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपो में आपूर्ति और मांग दोनों नीतियों के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है, जिसने उपभोक्ता भावना को सफलतापूर्वक प्रेरित किया है और खुदरा विकास को बढ़ावा दिया है।

इस वर्ष के एक्सपो में कई उल्लेखनीय बातें हुईं। स्लोवाकिया, सिंगापुर, ब्राजील समेत कई अन्य देशों के प्रदर्शनी समूहों ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया। एआई और कम कारोबार वाली अर्थव्यवस्था के लिए विशेष प्रदर्शनी क्षेत्र का भी इसमें शामिल किया गया था। इसकी वजह से ऐसे कारोबारियों के लिए बेहद सुविधा रही। इसमें ऑनलाइन प्री-मैचिंग और व्यक्तिगत रूप से गहन बातचीत आपूर्ति और मांग मिलान मॉडल भी शुरू किया गया था।
एक्सपो के मध्य यानी 16 अप्रैल तक कुल 150 बिलियन युआन यानी करीब 20.56 बिलियन डॉलर के लेन-देन समझौते पहले ही हो चुके थे। इस आयोजन के दौरान तीन आधिकारिक आपूर्ति और मांग को लेकर हुई बैठकों में 52 परियोजना समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से 20 समझौतों पर देश विशेष केंद्रित सत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें चीनी और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न प्रकार की खरीद और लेनदेन परियोजनाओं के लिए समझौता किया।

इस वर्ष के हैनान एक्सपो में, बड़ी संख्या में नए ऑर्डरों और सहयोग समझौते भी हुए। इनमें ऑटोमेटिक ड्राइविंग, स्मार्ट परिवहन अवसंरचना और स्मार्ट यात्रा सेवाओं के क्षेत्रों में कई परियोजना समझौते हुए। हांग्जो के यूनिट्री रोबोटिक्स ने इस आयोजन में अपने विशेष रोबोट उत्पादों की तमाम किस्मों को प्रदर्शित किया। इसके साथ ही इस आयोजन में विश्वविद्यालय स्तर के वैज्ञानिक अनुसंधान, सार्वजनिक सुरक्षा गश्ती और अन्य क्षेत्रों से संबंधित वस्तुओं के लिए चीन की तमाम कंपनियों और विश्वविद्यालयों को दुनियाभर से ऑर्डर प्राप्त हुए। इस बीच चीन के फोसुन पर्यटन समूह ने घोषणा की है कि वह पर्यटन और सांस्कृतिक परियोजना, अल्ट्रामेड, हैतांग खाड़ी, सान्या में खोलने की तैयारी में है।
हैनान एक्स्पो में हिस्सा लेने वाले लोगों का कहना है कि आयोजन स्थल के अंदर और बाहर दोनों जगह काफी खुलापन महसूस हो रहा था।
विगत की तुलना में कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों और खरीददारों को हैनान आने के लिए अब वीज़ा के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। इसका श्रेय हैनान की 59 देशों की वीज़ा मुक्त प्रवेश नीति के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर लागू व्यापक द्विपक्षीय और एकतरफा वीज़ा-मुक्त नीतियों को जाता है, जो संयुक्त रूप से 77 देशों के यात्रियों को हैनान में वीज़ा मुक्त प्रवेश की अनुमति देती हैं। हैनान में सेवाओं में सीमा पार व्यापार के लिए विशेष प्रबंधन उपाय और विदेशी निवेश के लिए अधिक बाजार पहुंच लागू की गई है।
(लेखक--- उमेश चतुर्वेदी)