"रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ग्रंथावली"उत्तरी चीन के ह पेई प्राकश गृह ने प्रकाशित की। हम जानते हैं कि आप इस ग्रंथावली के संपादकों में से एक हैं। आप ने इस ग्रंथावली की लगभग सभी कविताओं का अनुवाद किया। क्या आप इस बारे में हमारे श्रोताओं को कुछ बता सकते हैं।
जी हां। रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ग्रंथावली की लगभग सभी कविताओं का मैंने अनुवाद किया है---रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अपनी जिन्दगी भर में कुल 52 कविता संग्रह प्रकाशित करवाये। जिन की कुल 90 हजार पंक्रियां हैं। इस ग्रंथावली में ठाकुर के 37 कविता संग्रह और 93 गीतों का मैंने अनुवाद किया।जिन की कुल 70 हजार पंक्तियां हैं। इस का अर्थ है कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की तमान कविताओं और गीतों का चीनी में अनुवाद किया जा चुका है। कहा जा सकता है कि यह चीन के अनुवाद इतिहास में एक मील पत्थर की हैसियत रखता है।
इस ग्रंथावली की रचनाएं चीन के विश्विद्यालयों के विदेशी साहित्य संबंधी कोस में संदर्भ पाठ्य सामग्री के रुप में पढ़ायी जाती है।