मैंने सुना है कि आप रवीन्द्रनाथ ठाकुर की लगभग सभी कविताओं का चीनी में अनुवाद कर चुके हैं। कृपया आप हमारे श्रोताओं के साथ इस क्षेत्र के अपने अनुभव का चर्चा कीजिये।
रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं का चीनी में अनुवाद करना मेरे लिए एक बिलकुल आकस्मिक बात है। वर्ष 1983 में जब मैं पूर्वी चीन के शानतोंग प्रांत की राजधानी चीनान में आयोजित भारतीय साहित्यक रचनाओं के बारे में एक संगोष्ठी में भाग ले रहा था, तो हांगचो विश्विद्यालय के प्रोफेसर ने मुझ से कहा, अंग्रेजी से चीनी में अनुवादित रवीन्द्रनाथ ठाकुर की अधिक कविताएं गद्य-काव्य हैं। क्या, रवीन्द्रनाथ ठाकुर की मूल कविताएं गद्य काव्य हैं न। मैंने कहा नहीं। उन्होंने कहा, वर्तमान अनुवादित कविताओं के अनुसार, रवीन्द्रनाथ ठाकुर का जो मूल्यांकन किया गया है, वह सर्वोगीण नहीं है। क्या, आप रवीन्द्रनाथ ठाकुर की मूल कविताओं का चीनी में अनुवाद कर सकते हैं। मैंने कहा, मुझे कोशिश करने दीजिए। मुझे कोशिश करने दीजिए। इस वायदे ने मुझे टेढ़े मेढ़े खोजपूर्ण रास्ते पर घकेल दिया।