पेइचिंग लौटने के बाद मैंने किसी से रवीन्द्रनाथ ठाकुर बंगाली भाषा में कविता संग्रह लिया। पर केवल कुछ एक पृष्ठ पढ़े, तो मेरा सिर चकराने लगा। पता नहीं था कि कविताओं में उन्होंने क्या कहा है। आधी शताब्दी से पहले रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने जो कविताएं लिखीं, उनका व्याकरण, वर्तमान काल की अन्य रचनाओं से बिलकुल भिन्न था। मैंने बंगाली विशेषज्ञ, जो मेरे विभाग में काम करते थए, से सीखा, तब से मैं धीरे-धीरे रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताएं समझ गया। रवीन्द्रनाथ ठाकुर अनेक शैलियों में कविता लिखते थे। उन की कविताओं का अनुवाद करने के साथ में प्राचीन चीन के कवियों और वर्तमान चीन के कवियों की कविताओं का अध्ययन भी करता था। चार वर्ष के बाद मैंने--- रवीन्द्रनाथ ठाकुर की तीन सौ कविताओं का चीनी में अनुवाद किया। इस कविता संग्रह का वर्ष 1987 में प्रकाशन किया गया। इसके बाद रवीन्द्रनाथ ठाकुर का चुंनिदा गीति काव्य संग्रह---ठाकुर का दार्शनिक कविता संग्रह---ठाकुर का प्रेम कविता संग्रह---ठाकुर का गद्य संग्रह ----ठाकुर का बाल कविता संग्रह ---आदि मेरे अनुवादित अनेक रचनाओं का प्रकाशन किया गया। इस के अलावा, मेरे अनुवादित भारतीय कवि MODHUSUDAN DOTTO, BISHNU DE. BUDHODEB BOSU, JIBONANDO DAS तथा बंगाल देश के NAZUUL ISLAAM, JASHIM UDDIN, SHAMSHUR RUHMAN SYED ALIAHASHAM, FOIZAL, SHAHABUDDIN आदि कवियों संग्रह भी प्रकाशित किये गये।
रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं के चीनी अनुवादक पाई खाईयुआन
2014-09-10 14:25:52 cri