श्यू पेईहोंग और रवीन्द्रनाथ की मित्रता घनिष्ट ओर विष्कषट थी। रवीन्द्रनाथ ने अपनी जिन्दगी भर में कुल लगभग दो हजार चित्र बनाये थे। उन्होंने विश्व के विभिन्न देशों में अनेकों बार अपनी चित्र प्रदर्शनी आयोजित करायी थीं। उनकी आशा थी कि अपने चित्रों में से एक चुनिन्दा चित्र एलबम का संबादन किया जाएगा। उन्होंने श्यू पेईहोंग और विश्व भारती के ललित कला कालेज के महा निदेशक बोस से यह नाम करने के लिए अनुरोध किया। श्यू पेईहोंग और बोस ने दो दिन में ही तीन सौ चित्र चुने। इस पर रवीन्द्रनाथ बहुत संतुष्ट थए। रवीन्द्रनाथ की नतीजा अरुण टैगोर भारत में एक सुप्रसिद्ध चित्रकार था। श्यू पेईहोंग उन के साथ कला की चर्चा करते थे। उन के बीच की दोस्ती बहुत गहरी थी। रवीन्दर्नाथ के निजी सचिव और उन की पत्नी दजोनों श्यू पेईहोंग के मित्र थए। वे भी मशहूर चित्रकार थे। श्यू पेईहोंग उन के घर में एक महीने तक रहे। उन्होंने उन्हें एक गिद्ध के चित्र भेंट स्वरुप दिया। जिसे वे बहुत कीमती समझते थे और अपने पास बखूबी सुरक्षित रखते थे।
चित्रकार श्यू पेईहोंग और महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के बीच दोस्ती
2014-09-10 13:46:56 cri