विश्व भारती में प्रवास के दौरान, उन्होंने रवीन्द्रनाथ के साथ अनेक मनोनुकूल दिन गुजरे। उन्होंने रवीन्द्रनाथ के लिए दसेक तस्वीरें बनायी, जिन में तेल चित्र स्कैच, कलम चित्र औऱ चीनी परम्परागत शैली वाले चित्र आदि शामिल थे। रवीन्द्रनाथ उन की कलाकृतियों की बहुत प्रशंसा करते थे। और उनके लिए एख यात्रा करने आए थे। रवीन्द्रनाथ ने उन के स्वागत में एक भव्य समारोह आयोजित किया, मौके पर श्यू पेईहोंग ने गांपनी के लिए दो स्कैच बनाये। केवल रुप ही नहीं बल्कि भाव में भी लगता था। इस पर श्यू पेईहोंग ने संतोष के साथ कहा, महात्मा गांधी नीचे से तस्वीरें मैंने संतोष के साथ कहा, महात्मा गांधी की ये दो तस्वीरें मैंने विश्व भारती के आयोजित स्वागत समारोह में बनायी है। उस समय मैं उन के दांपों में एक उचित स्थान पर था। अनेक फोटोग्राफर इसी स्थान पर एकत्र हुए थे। मेरे दोनों कंधों और पीठ पर सब पत्रकार थे। सो, यह सफलता आसानी से प्राप्त नहीं हुई है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने मुझे महात्मा गांधी से परिचय कराया औऱ दोनों देसों की मैत्री बढ़ाने के लिए मेरी चित्र प्रदर्शनी आयोजित कराने का सुझाव दिया। इस सुझाव का महात्मा गांधी ने खुशी खुशी अनुमोदन किया। नतीजे में शान्ति निकेतन और कलकत्ता दोनों जगहों में श्यू पेईहोंग की चित्र प्रदर्शनियां आयोजित की गई। रवीन्दर्नाथ ने स्वयं चित्र प्रदर्शनी के लिए भूमिका लिखी। भूमिका में कहा गया है, सौंदर्य की भाषा मानवजाति की समान भाषा है, और उस की ध्वनियां अनिर्वार्यतः विविधतापूर्ण होती हैं। महान चीनी कलाकार श्यू पेईहोंग ने लयबद्ध रेखाओं और रंगों में एक प्राचीन तम दृश्य, प्स्तुत करता हूं। मैंने उन सभी चित्रों को गौर से देखा मुझे पक्का विश्वास है कि हमारे कला प्रेमियों को इन चित्रों से समृद्ध अन्तःप्रेरणा प्राप्त होगी।