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    सुप्रसिद्ध विद्वान ची श्यानलिन और भारत के बीच घनिष्ठ संबंध
    2014-09-10 13:37:17 cri


    प्रोफेसर श्री ची श्यानलिन का जन्म 6 अगस्त वर्ष 1911 में पूर्वी चीन के शान तोंग प्रांत की छिंग फिंग काऊंटी के एक किसान परिवार में हुआ। गरीबी के कारण, बचपन से ही अपनी जन्मभूमि को छोड़कर चाचा के साथ शान तोंग प्रांत की राजधानी जी नेन शहर में पढ़ने गये।

    मिडिल स्कूल में ही उन्होंने साहित्यिक रचनाएं लिखना और श्रेष्ठ विदेशी रचनाओं का अनुवाद करना शुरु किया। वर्ष 1930 में वे छिंग ह्वा यूनिर्वसिटी के पश्चिमी साहित्य विभाग में पढ़ने लगे। वर्ष 1934 में छिंग ह्वा यूनिविर्सिटी से स्नातक हो कर उन्होंने शान तोंग प्रांत के जी नेन हाई स्कूल में एक साल तक चीनी भाषा और साहित्य पढ़ाया। वर्ष उन्नीस सौ पैंतीस में उन्हें स्नातकोत्तर छआत्र के रुप में जर्मनी पढ़ने भेजा गया था।

    वर्ष 1936 में वे जर्मनी के गोटीनगन युनिवर्सिटी में पढ़ने लगे। गोटीनगन एक छोटा कस्बा था, पर इस युनिवसिर्टी का इतिहास पांच छै सौ साल पुराना था। बहुत से सुप्रसिद्ध विद्वान, इसी युनिवसिर्टी के स्नातक थे। यह एक विश्विख्यात यूनिवर्सिटी था। कस्बे के कोने-कोने में इस युनिवसिर्टी के कालेज और अनुसंधान ग्रह मौजूद थे। सारे कस्बे की आबादी का एक बटे पांच भाग विद्यार्थी थे।

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