सुप्रसिद्ध विद्वान ची श्यानलिन और भारत के बीच घनिष्ठ संबंध
2014-09-10 13:37:17 cri
उन्होंने आगे चलकर कहा, सांस्कृतिक आदान-पर्दान पर मेरे अनुसंधान का दायरा काफी विशाल और दीर्घकालीन है। निसंदेह मेरे अनुसंधान का जोर चीन भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान इतिहास पर है। इसका यह कारण है कि मैं प्राचीन भारतीय बोद्ध संस्कृत का अध्ययन करता आया हूं।
पेइचिंग विश्विद्यालय ने डाक्टर ची श्यानलिन को आजीवन प्रोफेसर की सम्मानित उपाधि से विभूषित किया। ची श्यानलिन ने चीन और भारत के बीच संस्कृति आदान-प्रदान में जो योगदान किया है, वह प्रशंसनीय ही नहीं, बल्कि वह मूल्यवान भी है। यह कहा जा सकता है कि उनके योगदान ने चीन भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान में चार चांद लगा दिये हैं।